इसरो ने आज अपने प्रमुख रॉकेट प्रक्षेपण यान पीएसएलवी से 712 किलोग्राम के कार्टोसैट-2 श्रृंखला के एक उपग्रह और 30 नैनो उपग्रहों को कक्षा में स्थापित किया। प्रक्षेपण श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से किया गया। यह पीएसएलवी का लगातार 39वां सफल मिशन था।
पीएसएलवी-सी38 योजना के अनुसार पहले लॉन्च पैड से सुबह नौ बजकर 29 मिनट पर उड़ा और कुछ मिनटों बाद इसने उपग्रहों को कक्षा में प्रक्षेपित कर दिया। पीएसएलवी द्वारा लॉन्च कुल भारतीय उपग्रहों की संख्या अब 48 हो गई है।
आने वाले दिनों में उपग्रह अपने पैनक्रोमैटिक (ब्लैक एंड व्हाइट) और मल्टीस्पेक्ट्रल (कलर) कैमरों की मदद से कई तरह की रिमोट सेंसिंग सेवाएं देगा।
पीएसएलवी के साथ गए उपग्रहों में एक नैनो उपग्रह तमिलनाडु स्थित कन्याकुमारी जिले की नूरुल इस्लाम यूनिवसर्टिी द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया। यह एनआईयूसैट फसलों के निरीक्षण और आपदा प्रबंधन के सहयोगी अनुप्रयोगों के लिए तस्वीरें उपलब्ध करवाएगा। दो भारतीय उपग्रहों के अलावा पीएसएलवी के साथ गए 29 नैनो उपग्रह 14 देशों के हैं। ये देश हैं- ऑस्ट्रिया (1) , बेल्जियम (3), चिली (1), चेक रिपब्लिक (1), फिनलैंड (1), फ्रांस (1), जर्मनी (1), इटली (3), जापान (1), लातविया (1), लिथुआनिया (1), स्लोवाकिया (1), ब्रिटेन (3) और अमेरिका (10)।
आज के सफल प्रक्षेपण के साथ विदेशों से भारत के पीएसएलवी द्वारा कक्षा में स्थापित किए गए ग्राहक उपग्रहों की कुल संख्या 209 पहुंच गई है।