नीलाचल पहाड़ी पर स्थित शक्तिपीठ मां कामाख्या धाम में विश्व प्रसिद्ध
अंबुवासी मुहुर्तू का देर रात 1बज कर 39 मिनट 9 सेकेंड पर निवृत्ति हुई।
जिसके बाद मंदिर के मुख्य पुजारी ने गर्भ गृह में साफ-सफाई कर पूजा
अर्चना की।
सोमवार सुबह मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, वित्त मंत्री डॉ. हिमंत
विश्वशर्मा, मंत्री पल्लव लोचन दास, मुख्यमंत्री के कानूनी सलाहकार
शांतनू भराली, मीडिया सलाहकार ऋषिकेश गोस्वामी ने सबसे पहले पूजा-अर्चना
की। उसके बाद आम श्रद्धालुओं के लिए मंदिर का कपाट खोल दिया गया। माता
रानी का दर्शन करने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु कामाख्या मंदिर
के बाहर पूरा रात खड़े रहे।
पूजा करने के बाद मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने राज्य व देशावियों की
सुखसमृद्धि के लिए पूजा-अर्चना की है। इस अवसर पर उन्होंने मेला के सफल
आयोजन के लिए सभी संबंधित सरकारी और गैर सरकारी एजेंसियों का आभार
ज्ञापित किया। ज्ञात हो कि इस बार मेले में लगभग 20 लाख श्रद्धालुओं के
पहुंचने का अनुमान जताया गया है। असम पर्यटन विभाग ने मेला का सफल आयोजन
के लिए काफी समय पहले से ही तैयारियां की गई थी, जिसके चलते मेले में
पूर्व की अपेक्षा में काफी संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ी थी।