. दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की स्थापना की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर इजरायल के प्रधानमंत्री श्री बेंजामिन नेतान्याहू के आमंत्रण पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 4-6 जुलाई 2017 को इजरायल की यात्रा की। भारत के प्रधानमंत्री की यह पहली ऐतिहासिक यात्रा दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी के साथ द्विपक्षीय संबंधों को बढ़त मिली और दोनों देशों के लोगों के बीच स्थायी मित्रता मजबूत हुई।
- यह ध्यान रखते हुए कि वे सदियों से अपने संबंधित विरासतों को विकसित करने वाले सभ्यताओं के दो ढांचे का प्रतिनिधित्व करते हैं, दोनों नेताओं ने व्यापक स्तर पर संबंध बनाने के अपने इरादे की पुष्टि की, जो उनके सहयोग की पूर्ण क्षमता का अहसास कराता है। ऐसा करते हुए उन्होंने महसूस किया कि पूरे इतिहास में यहूदी समुदाय का भारत हमेशा घर रहा जहां उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया।
- राजनयिक संबंधों की एक चौथाई सदी के बाद रिश्ते के विकास की समीक्षा करते हुए दोनों नेता उन पहलों और नीतियों पर सहमत हुए जिसमें दोनों देशों के उद्देश्यों और महत्वकांक्षाओं की झलक मिले। साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में उनके सामूहिक सहयोग के प्रयासों की एक श्रृंखला तैयार हो। उन्होंने इस बात की कल्पना की कि दोनों देश विकास, प्रौद्योगिकी, नवाचार, उद्यमिता, रक्षा और सुरक्षा क्षेत्र में करीबी सहयोगी बनेंगे।
- विकास के लिए अपनी केंद्रीयता को स्वीकार करते हुए भारत और इजरायल “कृषि एवं जल क्षेत्र में रणनीतिक साझेदारी” पर सहमत हुए हैं। इसका मकसद जल संरक्षण, दूषित जल को संशोधित कर उसका इस्तेमाल कृषि के लिए करने, जल अलवणीकरण, जल उपयोगिता सुधार और उन्नत जल प्रौद्योगिकियों का उपयोग करते हुए गंगा और अन्य नदियों की सफाई करना है। इसमें इज़रायली विदेश मंत्रालय (मसाव) और भारत के कृषि मंत्रालय के नेतृत्व के तहत मौजूदा केंद्र उत्कृष्टता (सीओई) का सुदृढीकरण और विस्तार भी शामिल है। इसके तहत गुणवत्ता वाले रोपण सामग्री का प्रावधान; और पीपीपी, बी2बी और अन्य मॉडलों के माध्यम से निजी क्षेत्र से जुड़े पश्चात तकनीकी ज्ञान और बाजार संबंधों का हस्तांतरण शामिल है। दोनों नेताओं ने इस भागीदारी को संचालित करने के लिए एक संयुक्त कार्यदल की स्थापना पर भी सहमति व्यक्त की।
- दोनों प्रधानमंत्रियों ने द्विपक्षीय व्यापार और निवेश की पूर्ण क्षमता को महसूस करने के महत्व पर ध्यान दिया। उन्होंने इस संबंध में शुरुआती सिफारिशों के साथ आने के लिए भारत-इजरायल सीईओ फोरम का कार्यभार संभाला। दोनों नेताओं ने नवाचार और उद्यमशीलता में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया और स्टार्ट-अप्स के क्षेत्र में अधिक से अधिक सहयोग की मांग की।
- व्यापारियों और महिलाओं की आवाजाही को सुविधाजनक बनाने के महत्व को स्वीकार करने हुए भारत और इज़रायल ने उम्मीद जताई कि व्यापार लोगों को पांच वर्ष के लिए मल्टीपल वीजा देने से ज्यादा से ज्यादा आर्थिक और वाणिज्यिक आदान-प्रदान को प्रोत्साहन मिलेगा।
- दोनों प्रधान मंत्रियों ने सहमति व्यक्त की कि दोनों पक्षों से द्विपक्षीय निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए निवेशों के संरक्षण के लिए समझौते पर बातचीत की जाएगी।
- दोनों प्रधानमंत्रियों ने भारत-इजरायल औद्योगिक शोध एवं विकास व प्रौद्योगिक नवोनमेष कोष(आई4एफ) की स्थापना के लिए भारत के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग और इजरायल के राष्ट्रीय तकनीकी नवाचार प्राधिकरण के बीच समझौता ज्ञापन पर हुए हस्ताक्षर का स्वागत किया। इस परियोजना में भारत और इजरायल 20-20 मिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश करेंगे। यह समझौता ज्ञापन भारतीय और इज़रायली उद्यमों को संयुक्त अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं के लिए सक्षम बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा, जो अभिनव प्रौद्योगिकियों और उत्पादों के विकास के लिए प्रमुख हैं। साथ ही ये वाणिज्यिक अनुप्रयोगों के लिए भी संभावित हैं।
- उद्योगों के लिए विस्तृत ज्ञान-व्यवसाय साझेदारी को बढ़ावा देने के महत्व को स्वीकार करते हुए दोनों देशों के अनुसंधान एवं विकास संस्थानों और सरकारी एजेंसियों के लिए भारत 2018 में वार्षिक सम्मेलन “पार्टनर कंट्री” का आयोजन करने के भारत के प्रस्ताव का इसरायल ने स्वागत किया है।
- दोनों नेताओं ने इजरायल अंतरिक्ष एजेंसी (आईएसए) और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के बीच चल रहे सहयोग का स्वागत किया। उन्होंने परमाणु घड़ियों;जियो-लियो ऑप्टिकल लिंक और छोटे सैटेलाइटों के लिए इलेक्ट्रॉनिक प्रोपल्सन के क्षेत्र में सहयोग को लेकर समझौता ज्ञापन पर हुए हस्ताक्षर पर संतोष जताया है। इससे दोनों देशों के बीच सहयोग मजबूत होगा। उन्होंने पारस्परिक लाभ के लिए बढ़ते रिश्ते को आगे बढ़ाने के लिए दो अंतरिक्ष एजेंसियों को भी प्रोत्साहित किया। दोनों नेताओं ने स्वीकार किया कि इस क्षेत्र में इजरायल के नैनो उपग्रह को इसरो द्वारा हाल ही में लॉन्च किया जाना एक मील का पत्थर साबित होने वाला है।
- संयुक्त अनुसंधान और विकास परियोजनाओं के क्षेत्र में दोनों पक्ष अपने वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग को उन्नत करने पर सहमत हुए हैं, इस बात को लेकर दोनों प्रधानमंत्रियों ने संतोष व्यक्त किया। इसमें स्वास्थ्य क्षेत्र में बिग डाटा एनालिसिस भी शामिल है। उन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी पर भारत-इजरायल संयुक्त समिति को वैज्ञानिक सहयोग और प्रगति की संभावना का पता लगाने के लिए निर्देश दिया। इसमें पारस्पिरक ताकत और अत्याधुनिक क्षेत्रों में रिसर्च एक्सलेंस के नेटवर्क केंद्र स्थापित करना शामिल है।
- वर्षों से द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के महत्व की पुष्टि करते हुए यह सहमति बनी कि इस क्षेत्र में भविष्य के विकास, रक्षा उत्पादों के संयुक्त विकास पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। इसमें ‘मेक इन इंडिया’ पहल पर विशेष जोर देने के साथ ही इसराइल से प्रौद्योगिकी के हस्तांतरण शामिल है।
- भारत और इजरायल साइबर स्पेस में सरकारी और निजी दोनों स्तरों पर सुरक्षा और स्थिरता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। प्रधानमंत्रियों ने अपने राष्ट्रीय साइबर अधिकारियों के बीच हुई बातचीत के महत्व पर बल दिया और इस क्षेत्र में अपने सहयोग को और बढ़ाने के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की। साथ ही इसके कार्यान्वयन के लिए एक साझा रूपरेखा तैयार की है। दोनों पक्ष साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में एक फ्रेमवर्क के माध्यम से साइबर मुद्दों पर अपने व्यापक आधार पर सहयोग को और आगे बढ़ाने के मूल्य को भी पहचानते हैं।
- यह मानते हुए कि आतंकवाद वैश्विक शांति और स्थिरता के लिए एक गंभीर खतरा बन गया है, दोनों प्रधानमंत्रियों ने सभी प्रकार के आतंकवाद से निपटने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई। दोनों नेताओं ने माना कि आतंवादी गतिविधियों को किसी भी स्तर पर जायज नहीं ठहराया जा सकता है। नेताओं ने जोर देकर कहा कि आतंकवादियों, आतंकवादी संगठनों, उनके नेटवर्क और आतंकवाद को प्रोत्साहित करने, समर्थन और वित्तपोषण करने वाले समूहों के खिलाफ मजबूत कदम उठाए जाने चाहिए। उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने की आवश्यकता को रेखांकित किया कि आतंकवादी संगठन किसी भी डब्ल्यूएमडी या प्रौद्योगिकियों तक पहुंच न सकें। दोनों नेताओं ने अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद पर सम्मेलन के लिए सहयोग करने की प्रतिबद्ध भी जताई।
- दोनों नेताओं ने अपनी प्रतिबद्धताओं की पुष्टि की,जिसमें अपनी जमीन और सार्वजनिक सुरक्षा पर सहयोग को लेकर समझौते पर विचार किया गया था और विभिन्न कार्यदलों को एक कुशल एवं प्रभावी तरीके से समझौते को लागू करने के लिए प्रोत्साहित करना शामिल है।
- दोनों प्रधान मंत्रियों ने उच्च शिक्षा और अनुसंधान के क्षेत्र में उन्नत सहयोग के महत्व को रेखांकित किया एवं प्रासंगिक समझौतों और संयुक्त अनुसंधान अनुदान कार्यक्रम के माध्यम से इसे बढ़ावा देने पर सहमति व्यक्त की।
- भारत और इजरायल के लोगों के बीच बढ़ते संपर्कों को देखते हुए दोनों नेताओं ने यात्रा और पर्यटन को बढ़ावा देने की सुविधा पर सहमति व्यक्त की, जिसमें भारत और इज़रायल के बीच हवाई यात्रा का विस्तार शामिल है।
- भारत में यहूदी समुदाय के योगदान और इजरायल में भारतीय मूल के यहूदियों के योगदान की सराहना की गई जिससे दोनों समाजों को करीब आने में मदद मिली। इस बात का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने इजरायल में एक सांस्कृतिक केंद्र स्थापित करने की घोषणा की। इस घोषणा की इजरायल के प्रधानमंत्री नेतान्याहू ने स्वागत किया और कहा कि उनके मन में भारतीय संस्कृति के प्रति उनका गहरा सम्मान है। साथ ही उन्होंने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में नामित योग के अभ्यास को प्रोत्साहित करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की पहल को इजरायल के मजबूत समर्थन और प्रायोजन को याद किया।
- दोनों प्रधानमंत्रियों ने इसराइल में भारतीय देखभालकर्ताओं के योगदान को माना और एक परस्पर सहमति पर व्यवस्था को मुहैया कराने की अपनी इच्छा व्यक्त की,जो एक नियमित तरीके से अपने निरंतर आवाजाही के लिए सुविधा मुहैया कराएगी।
- दोनों प्रधानमंत्रियों ने इजरायल-फिलीस्तीनी शांति प्रक्रिया से संबंधित विकास पर भी चर्चा की। उन्होंने इस क्षेत्र में एक स्थायी और टिकाऊ शांति स्थापित करने की आवश्यकता को रेखांकित किया। उन्होंने पारस्परिक मान्यता एवं सुरक्षा व्यवस्था के आधार पर दोनों पक्षों के बीच समस्या के हल के लिए शुरुआती बातचीत के समर्थन की पुष्टि की।
- इस यात्रा के दौरान निम्नलिखित समझौतों पर हस्ताक्षर हुए
- भारत-इजरायल औद्योगिक शोध एवं विकास व प्रौद्योगिक नवोनमेष कोष(आई4एफ) की स्थापना के लिए भारत के विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग और इजरायल के राष्ट्रीय तकनीकी नवाचार प्राधिकरण के बीच एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर
- भारत में पेय जल संरक्षण के लिए भारतयी गणराज्य के पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय और इजरायल के राष्ट्रीय अवसंरचना, ऊर्जा और जल संसाधन मंत्रालय के बीच समझौता हुआ।
- भारत में राज्य जल उपयोगिता सुधार के लिए भारतीय गणराज्य के उत्तर प्रदेश सरकार के जल निगम और इजरायल के राष्ट्रीय अवसंरचना, ऊर्जा और जल संसाधन मंत्रालय के बीच समझौता हुआ।
- भारत-इजरायल विकास सहयोग – कृषि क्षेत्र में 2018-2020 के लिए तीन वर्षीय कार्यक्रम
- परमाणु घड़ियों में सहयोग को लेकर भारतीय अंतरिक्ष शोध अनुसंधान संगठन (इसरो) और इजरायल अंतरिक्ष एजेंसी(आईएसए) के बीच समझौता
- जियो-लियो ऑप्टिकल लिंक के संबंध में भारतीय अंतरिक्ष शोध अनुसंधान संगठन (इसरो) और इजरायल अंतरिक्ष एजेंसी (आईएसए) के बीच समझौता
- छोटे सैटेलाइट के लिए इलेक्ट्रॉनिक प्रोप्लसन को लेकर भारतीय अंतरिक्ष शोध अनुसंधान संगठन (इसरो) और इजरायल अंतरिक्ष एजेंसी (आईएसए) के बीच समझौता