राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड, विशाखापत्तनम स्टील प्लांट के निगमित निकाय और सीमेंट कारपोरेशन ऑफ इंडिया (सीसीआई), भारी उद्योग और सार्वजनिक उपक्रम के अधीन सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम ने संयुक्त उद्यम में दो चरणों में प्रत्येक एक मिलियन क्षमता के 2 एमटीपीए ऐश और विस्फोट से निकलने वाले लावा आधारित सीमेंट प्लांट के लिए आज विशाखापत्तनम में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड सीमेंट प्लांट के लिए बड़ी मात्रा में विस्फोट से निकलने वाले लावा और फ्लाई ऐश का उत्पादन करेगा। सीसीआई का प्रतिनिधित्व करते हए श्री मनोज मिश्रा अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक और राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड का प्रतिनिधित्व करते हुए श्री पी.सी. महोपात्रा, निदेशक (परियोजना) ने राष्ट्रीय इस्पात लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक श्री पी. मधुसूदन की उपस्थिति हस्ताक्षर किए। संयुक्त उद्यम परियोजना की लागत लगभग 150 करोड़ रु है, राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड इस प्रस्तावित प्लांट के लिए अपने परिसर में लगभग 35 एकड़ जमीन दे रहा है। परियोजना का आदेश देने की तिथि से 15 महीनों के अन्दर पूरा करना प्रस्तावित है।
इस अवसर पर, श्री पी. मधुसूदन, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड ने विश्वास व्यक्त किया कि सीमेंट कारपोरेशन ऑफ इंडिया प्रदूषण रहित वातावरण में अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी से, व्यवसायिक तरीके से, नियत अवधि के भीतर प्लांट की स्थापना करेगा। उन्होंने कहा कि सीमेंट कारपोरेशन ऑफ इंडिया इस सपने को वास्तविकता में बदलने के लिए अपने विशेषज्ञों के साथ अपनी प्रतिबद्धता दिखाएगा और इसके साथ ही उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए अपना आवश्यक सहयोग देगा। श्री मनोज मिश्रा, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक ने कहा कि सीमेंट कारपोरेशन ऑफ इंडिया देश में सबसे कम लागत का सीमेंट उत्पादक है और राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड के साथ हाथ मिलाना दोनों कम्पनियों के लिए फायदेमंद स्थिति में रहेगा और दोनों पीएसयू मिलकर अपने ग्राहकों को अधिक एकीकृत उत्पाद समाधान उपलब्ध करा सकेंगे। इस अवसर पर राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड श्री डी. एन. राव निदेशक (प्रचालन), श्री रायचौधरी, निदेशक (वाणिज्य), श्री किशोर चन्द्र दास, निदेशक (कार्मिक), श्री वी. वी. वेणुगोपाला राव, निदेशक (वित्त) और सीमेंट कारपोरेशन ऑफ इंडिया श्री बी. वी. एन. प्रसाद, निदेशक (मानव संसाधन) और श्री एस. शक्तिमणि निदेशक (वित्त) भी उपस्थित रहे।
इस अवसर पर राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड के कार्यपालक निदेशक और महाप्रबंधक भी उपस्थित रहे।
प्रस्तावित प्लांट का स्थान विस्फोट से निकलने वाले लावा और फ्लाई ऐश की उपलब्धतता के परिणामस्वरूप विशाल रसद लागत की दृष्टि से लाभदारी रहेगा। यदि आवश्यक हो तो नजीदीकी बन्दरगाह सीमेंट के निर्यात के साथ-साथ किंलकर के आयात के अवसर भी प्रदान करेगा। सीमेंट कारपोरेशन ऑफ इंडिया के पास उपलब्ध मशीनरी से भी परियोजना की लागत कम होने की संभावना है। सीमेंट कारपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा बताए गए लागत आंकड़े स्पष्टतया भारत में सबसे कम लागत वाले किलंकर उत्पादक लागत वाला बना देंगे।