केंद्रीय महिला और बाल विकास श्रीमती मेनका संजय गांधी ने आज नई दिल्ली में कार्य स्थल पर यौन उत्पीड़न से संबंधित शिकायतें दर्ज करने के लिए यौन उत्पीड़न इलेक्ट्रॉनिक -बॉक्स (एसएचई-बॉक्स) शीर्षक वाली एक ऑनलाइन शिकायत प्रबंधन व्यवस्था – का आरंभ किया। यह शिकायत प्रबंधन व्यवस्था कार्य स्थल पर महिलाओं का यौन उत्पीड़न (निवारण, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए विकसित की गई है।
यह पोर्टल केंद्र सरकार (केंद्रीय मंत्रालयों, विभागों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, स्वायत्त निकायों, संस्थाओं आदि ) के किसी भी कार्यालय में काम करने वाली या वहां जाने वाली महिलाओं को – उक्त अधिनियम के अंतर्गत कार्य स्थल पर यौन उत्पीड़न से संबंधित शिकायतें दर्ज करने का मंच उपलब्ध कराने की दिशा में की गई एक पहल है। जो महिलाएं इस अधिनियम के अंतर्गत आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) के समक्ष पहले ही लिखित शिकायत दर्ज करा चुकी हैं, वे भी इस पोर्टल के माध्यम से अपनी शिकायत दर्ज कर सकती हैं। नीचे दिए गए लिंक के माध्यम से शी-बॉक्स पोर्टल तक पहुंच बनाई जा सकती है: http://www.wcd-sh.nic.in/
इस पोर्टल के प्रारंभ के अवसर पर अपने संबोधन में श्रीमती मेनका संजय गांधी ने कहा कि हालांकि, फिलहाल यह सुविधा केंद्र सरकार के कर्मचारियों को उपलब्ध कराई जा रही है। लेकिन जल्द ही इस पोर्टल के दायरे में निजी क्षेत्र में काम करने वाली महिला कर्मचारियों को भी शामिल किया जाएगा।
महिला और बाल विकास मंत्री ने कहा कि कार्य स्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न का परिमाण उपलब्ध कराने वाले कुछ सर्वेक्षण कराये गए हैं। हालांकि, महिलाओं के यौन उत्पीड़न से संबंधित समस्या के आकार का आकलन करने और उसे समझने के लिए महिला और बाल विकास मंत्रालय यह सर्वेक्षण राष्ट्रीय स्तर पर करायेगा।
यह पोर्टल (एसएचई-बॉक्स) महिलाओं के यौन उत्पीड़न से संबंधित अधिनियम के अंतर्गत की गई परिकल्पना के अनुसार कार्य स्थल पर यौन उत्पीड़न का सामना कर रही महिलाओं को त्वरित रूप से राहत पहुंचाने का एक उपाय है। इस पोर्टल में शिकायत दर्ज होते ही, उसे सीधे संबंधित मंत्रालय/विभाग/पीएसयू/स्वायत्त निकाय आदि की आईसीसी के पास भेजा जाएगा, जिसे शिकायत की जांच करने का अधिकार है। इस पोर्टल के माध्यम से महिला और बाल विकास मंत्रालय साथ ही साथ शिकायतकर्ता भी आईसीसी द्वारा की जाने वाली पड़ताल की प्रगति पर नजर रख सकेगा।
भारत सरकार देश की सबसे बड़ी नियोक्ता है, जो अपने विविध कार्यों को अंजाम देने के लिए 30.87 लाख लोगों को नियुक्त करती है। केंद्र सरकार के कर्मचारियों की गणना, 2011 के अनुसार महिलाएं केंद्र सरकार के नियमित कर्मचारियों की कुल संख्या का 10.93% (3.37 लाख) है।
महिला और बाल विकास मंत्रालय ने महिलाओं के यौन उत्पीड़न से संबंधित अधिनियम का कार्यान्वयन सुनिश्चित करने के लिए कई उपाय किए है। मंत्रालय ने महिलाओं के यौन उत्पीड़न से संबंधित अधिनियम पर एक लघु पुस्तिका का भी प्रकाशन किया है। इसका उद्देश्य कानून के प्रावधानों के इस्तेमाल में आसान व्यवहारिक तरीके के बारे में जानकारी देना है। इसके अलावा मंत्रालय ने सचिवालय प्रशिक्षण और प्रबंध संस्थान (आईएसटीएम) नई दिल्ली के साथ सहयोग से इस कानून के संबंध में सरकारी अधिकारियों का क्षमता निर्माण करने और उनमें इस कानून को लागू करने की पेशेवर दक्षता विकसित करने के लिए एक प्रशिक्षण मॉड्यूल तैयार किया है। हाल ही में, 5 मई 2017 को मंत्रालय ने केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों/विभागों की आंतरिक शिकायत समिति के अध्यक्षों के लिए आईएसटीएम के सहयोग से दिन भर की एक कार्यशाला का आयोजन किया गया था।
कानून के बारे में देशभर के संगठित और असंगठित क्षेत्र में जागरूकता फैलाने के लिए महिला और बाल विकास मंत्रालय ने महिलाओं के यौन उत्पीड़न से संबंधित कानून के संबंध में क्षमता निर्माण कार्यक्रम अर्थात प्रशिक्षण, कार्यशालाएं आदि उपलब्ध कराने वाली 29 संसाधन संस्थाओं के समूह की पहचान की है। इन संस्थाओं की सूची नीचे दिए गए लिंक पर उपलब्ध है: –
महिलाओं का यौन उत्पीड़न (निवारण, निषेध और निवारण) अधिनियम, 2013 से संबंधित कानून के बारे में प्रशिक्षण कार्यशाला के मॉड्यूल का लिंक : http://wcd.nic.in/act/training-module-two-day-workshop-sexual-harassment-women-workplace-prevention-prohibition-and
एसएचई-बॉक्स पैनल में शामिल की गई इन संस्थानों/ संगठनों को अपनी क्षमता निर्माण गतिविधियों को मंत्रालय के साथ साझा करने का मंच उपलब्ध कराएगा, जो बदले में पैनल में शामिल किए गए देश भर में इन संस्थानों/ संगठनों की गतिविधियों की निगरानी में समर्थ हो सकेगा। अब तक प्राप्त रिपोर्ट्स के अनुसार पिछले 5 महीनों में पैनल में शामिल इन संस्थानों/ संगठनों/ कम्पनियों ने 35 क्षमता निर्माण आयोजन किये हैं, जिनमें लगभग 1700 लोगों ने भाग लिया।
महिलाओं का सम्मान और सुरक्षा सुनिश्चित करना किसी भी डिजिटल समाज की प्राथमिकता होना चाहिए। डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के विज़न को साकार करने की दिशा में मंत्रायल महिलाओं और पुरूषों में समानता तथा महिला सशक्तिकरण के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सूचना और प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा दे रहा है। यह कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न से संबंधित शिकायतों के त्वरित निपटान के लिए डिजिटल स्पेस का उपयोग करने का एक प्रयास है।
पोर्टल के शुभारम्भ के अवसर पर महिला और बाल विकास राज्य मंत्री श्रीमती कृष्णा राज, महिला और बाल विकास मंत्रालय में सचिव श्री राकेश श्रीवास्तव और मंत्रालय तथा संबंधित संगठनों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।