पहले “बिम्सटेक आपदा प्रबंधन अभ्यास-2017” की दो दिवसीय तैयारी बैठक आज यहां शुरू हुई। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल (सेवा निवृत्त) एन सी मारवाह उद् घाटन सत्र में मुख्य अतिथि थे। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) द्वारा ”बिम्सटेक आपदा प्रबंधन अभ्यास-2017” का पहला चरण आयोजित किया जा रहा है।
तैयारी बैठक के उद् घाटन संबोधन में लेफ्टिनेंट जनरल मारवाह ने कहा कि बिम्सटेक गुट के आपदा प्रबंधन अभ्यास से आपदा जोखिम न्यूनीकरण (डीआरआर) में सहयोग और समन्वय को प्रोत्साहित करने के साथ ही क्षमता बढ़ाने विशेष रूप से प्रतिक्रिया क्षमता बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन के लिए डीआरआर में क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग महत्वपूर्ण है। लेफ्टिनेंट जनरल मारवाह ने कहा कि दक्षिण एशियाई वार्षिक आपदा प्रबंधन अभ्यास (एसएएडीएमईएक्स) और आपदा जोखिम न्यूनीकरण एशियाई मंत्री स्तरीय सम्मेलन (एएमसीडीआरआर) की मेजबानी कर भारत डीआरआर के प्रयासों में अग्रणी है। उन्होंने कहा कि भारत ने अन्य देशों को डीआरआर में दक्षिण एशिया सेटेलाइट जीएसएटी-9 और शुरूआती सूनामी चेतावनी केन्द्र जैसी विशेषज्ञता और सामर्थ्य प्रदान किये हैं।
लेफ्टिनेंट जनरल मारवाह ने कहा कि आबादी और शहरीकरण बढ़ने के कारण प्राकृतिक आपदाओं को असर भी बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि आपदा प्रबंधन के लिए डीडीआर में रोकथाम और गंभीरता सहित सर्वेश्रेष्ठ तरीके साझा करना महत्वपूर्ण है।
इस अवसर पर एनडीआरएफ के महानिदेशक श्री संजय कुमार ने कहा कि दो दिवसीय तैयारी बैठक में पहले “आपदा प्रबंधन अभ्यास-2017” की रूप रेखा और आवश्यकताओं पर कार्य किया जाएगा। विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (बिमस्टेक और सार्क) श्री प्रशांत अग्रवाल ने कहा कि आपदा प्रबंधन पिछले वर्ष अक्तूबर में गोवा ब्रिक्स सम्मेलन में बिमस्टेक नेताओं की चर्चा का महत्वपूर्ण एजेंडा था, जहां बिमस्टेक नेताओं को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था।
तैयारी बैठक में गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय, एनडीएमए, एनडीआरएफ और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआईडीएम) के वरिष्ठ अधिकारी और सभी सात बिमस्टेक देशों-बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल, श्रीलंका, म्यामां और थाईलैंड के प्रतिनिधि शामिल हो रहे हैं।
भारत सरकार ने पहला “आपदा प्रबंधन अभ्यास-2017” आयोजित करने की जिम्मेदारी एनडीआरएफ को सौंपी है। इस अभ्यास से आपदा जोखिम न्यूनीकरण (डीआरआर) के व्यापक पहलुओं, क्षेत्रीय प्रतिक्रिया सुदृढ़ करने, बिमस्टेक राष्ट्रों के बीच आपदा प्रबंधन के लिए सहयोग पर सर्वश्रेष्ठ तरीके साझा करने के लिए मंच उपलब्ध होगा।
यह अभ्यास दो चरण में दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में आयोजित किया जाएगा। पहले चरण में 8-9 अगस्त 2017 को तैयारी बैठक होगी और मुख्य अभ्यास के दौरान क्षेत्र प्रशिक्षण अभ्यास (एफटीएक्स) के लिए चयनित स्थानों का दौरा होगा। मुख्य अभ्यास 10-13 अक्तूबर 2017 को किया जाएगा।