प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज कृषि क्षेत्र से जुड़ी दो प्रमुख परियोजनाओं – मृदा स्वास्थ्य कार्ड और प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में प्रगति की समीक्षा की।
प्रधानमंत्री को यह जानकारी दी गई कि 16 राज्यों/केन्द्रशासित प्रदेशों में मृदा स्वास्थ्य कार्डों के वितरण का पहला चक्र पूरा हो गया है और शेष राज्यों में कुछ सप्ताहों में पूरा हो जाने की संभावना है।
प्रगति की समीक्षा करते हुए, प्रधानमंत्री ने कहा कि सेम्पलिंग ग्रिड में और विभिन्न मृदा जांच प्रयोगशालाओं में होने वाले अंतर के लिए समुचित जांच की जानी चाहिये। उन्होंने कहा कि इससे रिपोर्ट की गुणवत्ता सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए यह भी कहा कि मृदा स्वास्थ्य कार्डों की छपाई क्षेत्रीय भाषा में की जानी चाहिए ताकि किसान उन्हें आसानी से पढ़ने और समझने में सक्षम हो।
अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी को शीघ्र अपनाये जाने पर बल देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि संयोगवश मिट्टी की जांच तो बहुत ही हल्के उपकरणों द्वारा संभव है, जिन्हें हाथों में लेकर भी चला जा सकता है। उन्होंने अधिकारियों से यह मांग करते हुए कहा कि वे इस बात की संभावना तलाशें ताकि इस कार्य में स्टार्टअप और उद्यमिता को शामिल किया जा सके।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के बारे में, प्रधानमंत्री को यह बताया गया कि वर्ष 2016 के खरीफ मौसम में और 2016-17 के रबी मौसम में 7700 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य के दावे का भुगतान किया गया है और इससे 90 लाख से अधिक किसान लाभान्वित हुए हैं।
अधिकारियों ने यह भी कहा कि फसल बीमा के दावे से संबंधित आंकड़े जल्द-से-जल्द संग्रह करने के काम में स्मार्ट फोन, दूरसंवेदी उपकरणों, उपग्रह आंकड़े और ड्रोन सहित अत्याधुनिक प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया जा रहा है।
समीक्षा बैठक के दौरान कृषि मंत्रालय, नीति आयोग और प्रधानमंत्री कार्यालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।