केंद्रीय गृह मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने आज आशा व्यक्त की कि भारत और चीन के बीच डोकलाम गतिरोध का समाधान जल्द ही हो जाएगा। उन्होंने दावा किया कि हमारे सुरक्षा बल देश की सरहदों की हिफाजत करने में पूरी तरह सक्षम हैं। श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत का ना तो कभी कोई विस्तारवादी मंसूबा रहा है और ना ही उसने किसी देश पर हमला किया है। उन्होंने कहा कि हम टकराव नहीं, शांति चाहते हैं।
आज यहां आईटीबीपी की भव्य पाइपिंग सेरेमनी के दौरान अपने संबोधन में केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि हम अपने सभी पड़ोसी देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इसी मंशा के साथ प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपनी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के लिए सभी पड़ोसी देशों के नेताओं को आमंत्रित किया था। पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी का उल्लेख करते हुए श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हम मित्र बदल सकते हैं लेकिन पड़ोसी नहीं।
उन्होंने कहा कि आईटीबीपी में पदोन्नतियां प्रदान करने में हुए लंबे विलंब की ओर इशारा करते हुए श्री राजनाथ सिंह ने कहा कि अनुशासित आईटीबीपी कर्मियों ने इस विलंब को बहुत ही संयम के साथ बर्दाश्त किया। ये पदोन्नतियां 2011 से लंबित रही। उन्होंने भरोसा दिलाया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय सीएपीएफ के आवास और कल्याण संबंधी मामलों के अलावा उनके करियर की संभावनाओं को बेहतर बनाएगा।
इस अवसर पर अपने संबोधन में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री श्री किरेन रिजिजु ने कहा कि आज का कार्यक्रम आईटीबीपी कर्मियों के नैतिक बल को बढ़ावा देने में योगदान देगा। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय में बुनियादी तौर पर नीति निर्माताओं और उनका कार्यान्वयन करने वालों के बीच तालमेल बैठाया गया है।
आईटीबीपी के महानिदेशक श्री आर के पचनंदा ने कहा कि छह वर्ष से ज्यादा अरसे से लंबित 1654 आईटीबीपी कर्मियों की बड़े पैमाने पर पदोन्नति गृह मंत्रालय के निरंतर प्रयासों से संभव हो सकी है।
इस कार्यक्रम के दौरान गुप्तचर ब्यूरो के निदेशक श्री राजीव जैन और सीएपीएफ के महानिदेशक भी उपस्थित थे।