प्रधानमंत्री उज्जवला योजना हिमाचल प्रदेश में पहाड़ी क्षेत्रों में ईंधन के लिए उपयोग में लाई जा रही वनों की लकड़ी के प्रयोग की प्रथा के लिए वरदान साबित हो रही है।
हिमाचल प्रदेश के सोलन में शुरू की गई इस योजना के पहले चरण में 200 परिवारों को मुफत एल.पी.जी. कनैक्शन प्रदान किए गए तथा 1,450 गरीब परिवारों को पंजीकृत किया गया। हिमाचल प्रदेश राज्य के गरीबी के नीचे रहने वाले सभी परिवारों को प्रधनमंत्री उज्वला योजना के अन्र्तगत आगामी 2 सालों में मुफत गैस कनैक्शन बांटे जाऐंगे जिससे आम जनमानस की जंगली लकड़ी पर निर्भरता समाप्त हो जाएगी तथा कार्बन उत्सर्जन भी कम होगा।
वर्ष 2011 के सर्वेक्षण के अनुसार हिमाचल प्रदेश के कुल 16 लाख परिवारों में से 14 लाख परिवार घरेलू ईंधन के लिए एल.पी.जी. कनैक्शन के उपयोग कर रहे है तथा बाकी बचे 2 लाख परिवारों को आगामी 2 सालों के भीतर इस कार्यक्रम के अन्तर्गत कवर कर लिया जाएगा। हिमाचल प्रदेश में औसतन 80 प्रतिशत आबादी गैस कनैक्शन धारक है जबकि बिहार, उड़ीसा, उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में मात्र 60 प्रतिशत जनसंख्या ही एल.पी.जी. गैस कनैक्शन के अन्तर्गत कवर की गई है।
हिमाचल में घरेलू ईंधन के लिए गैस का इस्तेमाल करने वालों की औसतन संख्या राष्ट्रीय औसत से कहीं ज्यादा है। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के अन्तर्गत पहाड़ी राज्य के गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले 2,82,370 परिवारों को आगामी दो वर्षो में मुफ्त गैस कनैक्शन प्रदान किए जाएंगे तथा चुल्हा आदि उपकरणों को आसान ब्याज मुक्त किश्तों पर प्रदान किया जाएगा।
राज्य के जनमानस को एल.पी.जी. गैस सुविधा प्रदान करने के लिए इस समय 172 डिस्ट्रिब्यूशन सैंटर कार्यरत है तथा इस साल के अन्त तक 50 नई गैस एजन्सियां राज्य में खोली जाऐगी। राज्य में गैस रिफिल के 2 नए बोटलिंग प्लांट खोले जाऐगे तथा नई ढांचागत सुविधाओ के विकसित होने से राज्य के 500 युवाओं को रोजगार के साधन उपलब्ध होंगे।
राज्य के दूरस्थ क्षेत्रों में धुऐं के प्रदूषण में होने वाले अस्थमा आदि रोगों से मुक्ति मिलेगी तथा राज्य में ईंधन की लकडी के लिए वनों पर दवाब कम किया जा सकेगा जिससे राज्य में हरियाली बढ़ेगी तथा राज्य के नागरिकों को स्वच्छ वातावरण तथा साफ हवा मिलेगी। राज्य में प्रधानमंत्री उज्जवला योजना केन्द्रीय पेट्रोलियम तथा प्राकृतिक गैस मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान के सानिध्य में राज्य के सोलन जिला में शुरू की गई है। प्रधानमंत्री योजना से राज्य देय के सर्वाधिक इको फ्रैंडली राजयो की क्षेत्रों में शामिल हो गया। इस योजना से राज्य के गरीबी रेखा से रहने वाले 3 लाख गरीब परिवारों को मुफत गैस कनेक्शन प्रदान किए जा रहे हैं जबकि गैस चूल्हा जैसे उपकरण खरीदने के लिए आसान किश्तों पर धन मुहैया करवाया जा रहा है।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 1 मई 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया में शुरू किए गए इस फ्लैगशिप कार्यक्रम में आगामी तीन सालों में देश में 85 करोड़ गरीब परिवारों को एल.पी.जी. कनैक्शन के माध्यम से स्वच्छ ईंधन प्रदान करने का लक्ष्य रखा गया है तथा पहले साल के लिए निर्धारित 1.5 करोड़ एल.पी.जी. कनैक्शन प्रदपन करने का लक्ष्य मात्रा आठ महीनों में ही पूरा कर लिया गया।
राज्य सरकार ने प्रदेश को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए ‘‘माता शवरी सशक्तिकरण योजना शुरू की थी जिसके अन्तर्गत अनुसूचित जाति की गरीब महिलाओं को गैस कनैक्शन प्राप्त करने के लिए 1300 रूपये को अधिकतम राशि की सीलिंग के साथ 50 प्रतिशत अनुदान सहायता राशि प्रदान की जा रही थी तथा राज्य के प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र से 75 परिवारों को लाभान्वित करने के लक्ष्य से वार्षिक 5100 परिवारों को योजना के अन्तर्गत लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया था केन्द्र सरकार द्वारा संचालित प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के अन्तर्गत पूरे समाज के गरीब वर्ग की महिलाओं को कवर किया गया है जोकि पूरे समाज को लाभान्वित करेगा।
हालांकि गैस वितरण कम्पनियां राज्य की पूरी जनसंख्या को पहले से ही एल.पी.जी. गैस सुविधा के अन्तर्गत लाने का भरसक प्रयत्न करती रही है। लेकिन गरीबी रेखा के नीचे रहने वाले परिवारों के आर्थिक संकट तथा सीमित ढांचागत सुविधाओं की कमी से यह कम्पनियां अपना लक्ष्य प्राप्त करने में कामयाब नहीं हो सकी तथा अब प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के प्रदान किए गए बजट प्रावधान से यह स्वपन हकीकत में बदलता नजर आ रहा है। राज्य की तेजी से बढ़ती जनसंख्या की वजह से ईंधन के रूप में लकड़ी का इस्तेमाल पिछले कुछ वर्षो से तेजी से बड़ा है जिससे राज्य में हरियाली तथा वनों के अधीन क्षेत्रफल हासिल नहीं हो सकते।
राज्य के बढ़ते औद्योगिकरण से भी हवा की गुणवता पर काफी विपरीत प्रभाव पड़ा है तथा राज्य के औद्योगिक क्षेत्रों में प्रदूषण का स्तर काफी ऊंचा रिकार्ड किया गया है प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के अन्तर्गत पूरे देय में 5 करोड गरीब महिलाओं को मुफत गैस कनैक्शन प्रदान किए जाऐंगे तथा इस योजना के शुरू होने के पहले वर्ष में ही गरीबी रेखा के अंतर्गत आने वाली 2.25 करोड़ महिलाओं को पंजीकृत किया गया है।
आज देश में एल.पी.जी. उपभोक्ताओं की संख्या 20 करोड़ पार कर गई है। जबकि वर्ष 2014 में मात्र 14 करोड़ लोग एल.पी.जी. सुविधा का उपयोग कर रहे थे। आगामी तीन वर्षो में केन्द्र सरकार ने इस आगामी तीन वर्षो में सुविधा के सफल कार्यन्वन के लिए 8000 करोड़ रूपये धनराशि का प्रावधान किया है।