गृह राज्य मंत्री श्री किरेन रिजिजू कल “जेल प्रशासन में वर्दीधारी महिलाएं” विषय पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे।
यह सम्मेलन जेलर और जेल उपाधीक्षक पदों पर तैनात महिला अधिकारियों के लिए आयोजित किया जा रहा है। इस सम्मेलन में इन चार विषयों पर पैनल चर्चा, विचार-विमर्श और सिंडिकेट विचार-विमर्श किया जाएगा –
• क्या महिला जेल अधिकारियों को मुख्यधारा की ड्यूटी दी जा रही हैं?
• महिला जेल अधिकारियों के सामने परिवार और काम के माहौल में संतुलन बनाने में आ रही कठिनाइयां।
• महिला जेल अधिकारियों और सुधारक कर्मचारियों के प्रशिक्षण की जरूरत
• क्या महिला जेल अधिकारियों की वर्दी में बदलाव करने की आवश्यकता है?
सभी सिंडिकेट राज्य जेल अधिकारियों, शिक्षाविदों, गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों और छात्रों के साथ अपने विचार विमर्श सत्र के आधार पर प्रस्तुतीकरण देंगे। इसके बाद एक खुली वार्ता का आयोजन किया जाएगा जिसमें सभी प्रतिभागियों को जेलों में अपने दिन-प्रतिदिन के काम के साथ-साथ जेल में कैदियों से निपटने के संबंध में अपनी समस्याएं, विचारों और अनुभवों को साझा करने के लिए बातचीत करने हेतु प्रोत्साहित किया जाएगा।
इस सम्मेलन के माध्यम से प्राप्त जानकारी के कार्यान्वयन से यह उम्मीद है कि इससे प्रतिभागियों को अपनी सेवा के अतिसंवेदनशील चरण में लाभ प्राप्त होगा। निरंतर जानकारी और प्रशिक्षण से अधिकारियों की कार्य संस्कृति में व्यवहारिक बदलाव और पुन:स्थापन का समावेश होगा। जिससे यथार्थ परिणामों को बढ़ावा मिलेगा। सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने से जेल अधिकारियों और सुधारक कर्मचारियों को प्रेरणा मिलेगी और अन्य कर्मचारियों को भी अपने जिलों में ऐसी ही प्रक्रियाएं अपनाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा। इससे समयबद्ध रूप से नागरिक-केंद्रित सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए नवीनतम प्रोद्योगिकी हासिल करने में मदद मिलेगी। वर्दीधारी महिला अधिकारी काम के माहौल में लिंग समानता की ओर आगे बढ़ेंगी। इस सम्मेलन से उन्हें विचारों के आदान-प्रदान के माध्यम से सिद्धांत और व्यवहार के बीच के अंतर को पाटने में भी मदद मिलेगी। बीपीआरएंडडी चार्टर में जेल प्रशासन को प्रभावित करने वाली समस्याओं का अध्ययन और इस क्षेत्र में अनुसंधान और प्रशिक्षण को बढ़ावा देना शामिल हैं।
हमारे देश में 1401 जेल और 17834 महिला जेल कैदी हैं। जेलों में तैनात कुल 55000 जेल अधिकारियों और कर्मचारियों में लगभग 3200 महिला अधिकारी हैं। जेल अधिकारी किन परिस्थितियों और माहौल में अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते हैं, उनकी समीक्षा और विचार विमर्श जेल में कैदियों के पुनर्वास और उनके पुन: समाजीकरण सहित सुधारात्मक प्रशासन के उद्देश्यों के संदर्भ में बहुत जरूरी है।