4 बजे होगी लालू को सजा, CBI ने चारा घोटाले के दोषियों के लिए मांगी ओपन जेल

चारा घोटाला केस में दोषी करार दिए गए आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव समेत 16 दोषियों की सजा पर सुनवाई पूरी हो गई है. जिसके बाद आज उनकी सजा पर ऐलान होगा. रांची की सीबीआई अदालत शाम करीब 4 बजे सजा का ऐलान कर सकती है.

इससे पहले शनिवार दोपहर दो बजे के बाद विशेष कोर्ट के जज शिवपाल सिंह कोर्ट रूम पहुंचे थे. जबकि जेल में बंद लालू समेत सभी 16 दोषी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सुनवाई में शामिल हुए. इस दौरान 6 दोषियों की सजा पर सुनवाई भी हुई. जिसके बाद जज ने सभी दोषियों को फैसले के लिए शाम 4 बजे तक इंतजार करने का आदेश दिया.

दरअसल, रांची की सीबीआई विशेष अदालत में आज 6 दोषियों की सजा पर सुनवाई होनी थी. लालू समेत बाकी 10 दोषियों की सजा पर गुरुवार और शुक्रवार को सुनवाई पूरी हो चुकी है.

बताया जा रहा है कि सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट का ऑर्डर किया जाएगा और इसके बाद करीब 4 बजे कोर्ट लालू समेत सभी 16 दोषियों की सजा पर फैसला सुना देगा.

लालू यादव को आज कोर्ट नहीं बुलाया गया है. सीबीआई कोर्ट के जज शिवपाल सिंह वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए लालू को सजा सुनाएंगे.

बता दें कि देवघर कोषागार आरसी 64ए/96 से 89 लाख रुपये फर्जी तरीके से निकाले जाने के मामले में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव सहित 16 आरोपी दोषी करार हैं. कोर्ट ने उन्हें 23 दिसंबर को दोषी पाया था, जिसके बाद लालू रांची की बिरसा मुंडा जेल में बंद है. 3 जनवरी से मामले के दोषियों की सजा पर सुनवाई चल रही है. कल लालू के वकील ने तबीयत का हवाला देते हुए जज से कम से कम सजा की गुहार लगाई थी.

डोरंडा कोषागार में पेशी

एक तरफ जहां लालू को देवघर कोषागार से जुड़े घोटाले में सजा होनी है, वहीं शनिवार को ही उन्हें चारा घोटाले से जुड़े डोरंडा कोषागार मामले में भी पेश होना था. ये केस 97 लाख रुपये की अवैध निकासी का है. सूत्रों के मुताबिक सीबीआई के गवाह नहीं आने की वजह से लालू यादव को कोर्ट नहीं लाया जाएगा.

आज इन 6 दोषियों की सजा पर सुनवाई

आज जिन छह दोषियों की सजा पर सुनवाई हुई है, उनमें सुनील कुमार सिन्हा, सुशील कुमार सिन्हा, सुनील गांधी, संजय कुमार अग्रवाल और त्रिपुरारी मोहन प्रसाद के अलावा पूर्व ट्रेजरी ऑफिसर सुबीर भट्टाचार्य हैं.

सुनवाई में लालू रहे थे खामोश

शुक्रवार को वीडियो कांफ्रेंसिग के जरिए हुई सुनवाई के दौरान लालू प्रसाद पूरी तरह चुप रहे थे. उनके अधिवक्ता चितरंजन प्रसाद ने न्यायाधीश से आग्रह किया कि लालू की उम्र 70 वर्ष हो गई है. वह शारीरिक रूप से अस्वस्थ हैं. उन्हें हाईपर टेंशन और डायबिटीज है. 21 सालों से केस लड़ रहे हैं. इसलिए इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए लालू प्रसाद को कम से कम सजा दी जाए.

वहीं सीबीआई के अधिवक्ता ने इस पर विरोध जताते हुए कहा कि लालू राजनीति में सक्रिय हैं. रैलियां और भाषण कर रहे हैं. इसलिए नहीं लगता कि बहुत बीमार हैं. जेल में भी मेडिकल की सुविधाएं उपलब्ध हैं. वह मुख्य आरोपी हैं. इसलिए उन्हें ज्यादा से ज्यादा सजा दी जाए.

बता दें कि सीबीआई की विशेष अदालत ने 23 दिसंबर को चारा घोटाले के एक मामले में लालू यादव को दोषी ठहराया था. वकीलों के अनुसार, लालू प्रसाद को तीन से सात वर्षो की सजा सुनाई जा सकती है. लेकिन उन्हें तीन वर्ष की सजा सुनाई जाती है तो उन्हें तत्काल जमानत मिल सकती है.