मोदी सरकार के बजट पेश करने से पहले 18 जनवरी को जीएसटी काउंसिल की बैठक होने वाली है. बजट से कुछ दिन पहले हो रही इस बैठक में अहम फैसले हो सकते हैं. नये साल में हो रही इस बैठक में पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के तहत लाने समेत कई अहम मांगों पर काउंसिल कोई फैसला ले सकती है.
पेट्रोल-डीजल पर फैसला
पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों को देखते हुए जीएसटी काउंसिल इन दोनों को जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार कर सकती है. अगर ऐसा होता है तो आम आदमी के लिए पेट्रोल और डीजल लेना काफी सस्ता हो सकता है. वित्त मंत्री अरुण जेटली समेत ऑयल मिनिस्टर धर्मेंद्र प्रधान भी पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग कर चुके हैं.
पेट्रोल और डीजल की कीमतें एक बार फिर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई हैं. मुंबई में जहां एक लीटर पेट्रोल के लिए लोगों को 65.10 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं. वहीं, दिल्ली में भी डीजल 60 रुपये के ऊपर पहुंच गया है. पेट्रोल भी एक बार फिर 80 के स्तर पर पहुंचने की तैयारी कर रहा है. फिलहाल मुंबई में एक लीटर पेट्रोल 77 रुपये के पार चल रहा है.
रियल इस्टेट आएगा जीएसटी के तहत
18 जनवरी को होने वाली इस बैठक में रियल इस्टेट को जीएसटी के तहत लाने पर भी फैसला हो सकता है. खुद वित्त मंत्री अरुण जेटली इसका संकेत दे चुके हैं कि रियल इस्टेट को जीएसटी के तहत लाया जाएगा.
घटेंगे टैक्स स्लैब
इस मीटिंग में एक और जो अहम घोषणा हो सकती है, वो है जीएसटी टैक्स स्लैब को कम करने की घोषणा. वित्त मंत्री अरुण जेटली समेत अन्य केंद्रीय नेता ये कह चुके हैं कि जीएसटी में मौजूदा टैक्स स्लैब को कम किया जा सकता है. ऐसे में जीएसटी काउंसिल इस मीटिंग में जीएसटी टैक्स स्लैब को घटाने को लेकर भी कोई घोषणा कर सकती है.
बजट से पहले मिलेगा बड़ा तोहफा?
बजट के ठीक 10 दिन पहले हो रही इस बैठक में अब देखना होगा कि क्या काउंसिल कोई बड़ा तोहफा देती है या फिर बड़ी घोषणाओं के लिए बजट का ही इंतजार करती है.