ठंड के कोहराम ने पूरे उत्तर भारत को ही जमा रखा है. लेकिन जम्मू-कश्मीर में पिछले कुछ दिनों से औसत तापमान शून्य से 10 से घटाकर 23 के बीच रहे हैं. करगिल और द्रास में तो ठंड ने कोहराम ही मचा दिया है. करगिल में बीती रात का तापमान माइनस 23 डिग्री रिकॉर्ड किया गया. लोग ठंड से बचने के लिए जाए भी तो कहां जाएं. इस कड़ाके की ठंड ने तो घरों को ही जमा दिया है.
ठंड का आलम कुछ इस तरह है कि जिस वस्तु पर नजर डालो, वही बर्फ से जमी दिखती है. पानी जम चुका है, लोगों के पास पीने तक को भी पानी नही है. यहां तक कि सब्जियां भी इस ठंड के प्रकोप से नही बची हैं. तेल की कैन भी बर्फ में बदल चुकी हैं.
शीतलहर के कहर ने कुछ ऐसे ही करगिल और द्रास में लोगों की जिंदगी को जकड़ लिया है कि एटीएम मशीनों को भी ठंड के प्रकोप से बचाने के लिए उन्हें कम्बल औढ़ने की जरुरत पड़ गई है. करगिल से श्रीनगर के बीच तक का यातायात भी थम चुका है. मौसम विभाग की मानें तो कुछ दिनों तक वहां का मौसम ऐसा ही रहने के आसार हैं.
मौसम विभाग के अनुसार इस कड़कड़ाती ठंड में बढ़ोतरी का कारण इस साल होने वाला सूखा है. इस कड़ाके की ठंड के कारण सुरु नदी के स्तर में भी कमी आई है. और इस इलाके के पानी का स्रोत यह नदी ही है. लोग पानी लेने बाहर जाते है, लेकिन जब तक घर पर वापस आते है, उतने पानी बर्फ ही बन चुकी होता है.
मौसम विशेषज्ञों का मानना है कि 40 दिन की लंबी अवधि के बाद ही चिलई कलां की सर्दियों से राहत मिल पाएगी.