प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुबह दावोस (स्विट्जरलैंड) के लिए उड़ान भरी. मोदी दावोस में विश्व आर्थिक मंच (WEF) के कार्यक्रम में शामिल होंगे और उद्घाटन भाषण देंगे. मोदी दुनिया के सामने भारतीय अर्थव्यवस्था, यहां निवेश और अपनी नीतियों के बारे में बताएंगे.
मंगलवार दोपहर देंगे भाषण
ये करीब दो दशक के बाद है जब कोई भारतीय प्रधानमंत्री इस कार्यक्रम में हिस्सा ले रहा है. कार्यक्रम का अंत अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भाषण के साथ होगा. पीएम मोदी मंगलवार दोपहर करीब 2.45 बजे (भारतीय समयानुसार) फोरम को संबोधित करेंगे.
सोमवार को पीएम मोदी का कार्यक्रम – (भारतीय समयानुसार)
5.30 PM: ज्यूरिख एयरपोर्ट पहुंचेंगे, वहां से दावोस रवाना होंगे.
10.00 PM: स्विट्जरलैंड के प्रधानमंत्री से मुलाकात.
देर रात 12.15 AM: भारत का स्वागत समारोह.
देर रात 1 AM: वरिष्ठ सीईओ के साथ राउंडटेबल बैठक.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘समकालीन अंतरराष्ट्रीय प्रणाली और वैश्विक सरकारी ढांचे के समक्ष मौजूदा तथा उभर रही चुनौतियों पर नेताओं, सरकारों, नीति निर्माताओं, कॉरपोरेट तथा सामाजिक संगठनों द्वारा गंभीरता से ध्यान देने की जरूरत है.’’
उन्होंने सम्मेलन के मुख्य मंत्र ‘क्रिएटिंग अ शेयर्ड फ्यूचर इन अ फ्रैक्चर्ड वर्ल्ड’ (बंटी हुए संसार के साझे भविष्य का सृजन) को विचारपूर्ण और उचित बताते हुए कहा, ‘‘मुझे भारत के अच्छे दोस्त तथा मंच के संस्थापक प्रोफेसर क्लाउस श्वाब के निमंत्रण पर दावोस में विश्व आर्थिक मंच की बैठक में भाग लेने का इंतजार है.’
मोदी के साथ पहुंचा बड़ा प्रतिनिधिमंडल
पीएम मोदी के साथ एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल इस कार्यक्रम में हिस्सा लेगा. इसमें करीब 6 केंद्रीय मंत्री, 100 सीईओ और कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हैं. मोदी के साथ वित्त मंत्री अरूण जेटली, रेल मंत्री पीयूष गोयल तथा पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान भाग ले सकते हैं. इसके अलावा आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू तथा महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस भी डब्लयूईएफ की बैठक में भाग लेंगे.
आपको बता दें कि इस सालाना बैठक में 60 देशों के प्रमुखों समेत 350 राजनीतिज्ञ हिस्सा लेंगे. सम्मेलन में दुनिया की महत्वपूर्ण कंपनियों के मुख्य CEO समेत तथा विभिन्न क्षेत्रों से करीब 3,000 नेता भाग लेंगे. ऐसा बीस साल बाद होगा, जब कोई भारतीय पीएम इस कार्यक्रम में हिस्सा लेगा. इससे पहले, 1997 में तत्कालीन प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने इस कार्यक्रम में हिस्सा लिया था. पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह अपने कार्यकाल के दौरान इस फॉरम में नहीं गए थे.