गणतंत्र दिवस से पहले आतंकी हमले के मद्देनजर दिल्ली पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. पुलिस ने सिमी और इंडियन मुजाहिदीन के संस्थापक मोस्ट वांटेड आतंकी अब्दुल सुभान कुरैशी को गिरफ्तार कर लिया है. कुरैशी साल 2008 में हुए गुजरात सीरियल ब्लास्ट का मास्टरमाइंड है. इसे भारत का बिन लादेन भी कहा जाता है.
खुफिया एजेंसियों द्वारा जारी आतंकी हमले के अलर्ट के मद्देनजर दिल्ली पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है. इसी बीच पुलिस को गुप्त सूचना मिली कि गुजरात सीरियल ब्लास्ट का मास्टरमाइंड अब्दुल सुभान कुरैशी दिल्ली में मौजूद है. वह गणतंत्र दिवस पर दिल्ली को दहलाने की साजिश रच कर इसे अंजाम देने की फिराक में है.
स्पेशल सेल के डीसीपी प्रमोद कुशवाहा ने बताया कि आतंकी अब्दुल को गाजीपुर में पकड़ा गया है. वह यूपी से दिल्ली किसी साथी से मिलने आया था. पुलिस को देखते ही इसने फायरिंग शुरू कर दी. मुठभेड़ के बाद इसे पकड़ लिया गया. इसके पास से एक पिस्टल और कारतूस मिली है. इसे 14 दिन की पुलिस हिरासत में लिया गया है.
नाम- अब्दुल सुभान कुरैशी
उपनाम- तौकीर/कैब/जाकिर/कासिम
पिता- हाजी उस्मान कुरैशी
माता- ज़ुबैदा बेगम कुरैशी
संगठन- इंडियन मुजाहिदीन, सिमी
पता- रामपुर, यूपी/ मुंबई, महाराष्ट्र
इनाम- 4 लाख रुपये
भारत के बिन लादेन के नाम से कुख्यात अब्दुल सुभान कुरैशी उर्फ तौकीर पेशे से इंजीनियर है. इसे बम बनाने में महारत हासिल है. सुरक्षा एजेंसियों को 11 जुलाई 2006 में मुंबई में हुए ट्रेन ब्लास्ट में इसकी तलाश थी. इसके अलावा दिल्ली, बंगलुरु और अहमदाबाद में हुए ब्लास्ट में भी इसका हाथ है. इंडियन मुजाहिदीन के ऑनलाइन काम यही करता है.
21 अगस्त 2001 को इसे नागौरी के साथ मुंबई में सिमी की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी देखा गया था. एनआईए की मोस्ट वॉन्टेड लिस्ट में इसका नाम शामिल है. उसके माता-पिता मूल रूप से यूपी के रहने वाले हैं. फिलहाल मुंबई में जाकर बस गए हैं. तौकीर साल 1999 और 2000 के दौरान आतंकी गतिविधियों में शामिल हुआ था. अब गिरफ्तार हुआ है.
बताते चलें कि गणतंत्र दिवस के मद्देनजर राजधानी दिल्ली में बड़े आतंकवादी हमले की साजिश का पता चला है. सुरक्षा एजेंसियों को इनपुट मिला है कि आतंकी वारदात को अंजाम देने की मंशा से तीन आतंकवादी जामा मस्जिद इलाके में छिपे हुए हैं. इंटेलिजेंस इनपुट में दिल्ली पुलिस को 26 जनवरी की सुरक्षा को लेकर आगाह किया गया है.
खुफिया एजेंसियों को एक कॉल इंटरसेप्ट करने के बाद इस आतंकी हमले की साजिश का पता चला है. इसके मुताबिक, जामा मस्जिद इलाके में छिपे तीनों संदिग्ध आतंकवादी अफगान मूल के हैं और पश्तो भाषा में बात करते हैं. खुफिया एजेंसियों को यह भी पता चला है कि तीनों संदिग्ध आतंकियों को कश्मीर के पुलवामा से निर्देश मिल रहा है.
गौरतलब है कि 26 जुलाई, 2008 को गुजरात की राजधानी अहमदाबाद में 19 सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे. इनमें 56 लोग मारे गए और 238 घायल हो गए थे. इंडियन मुजाहिदीन ने इन विस्फोटों की जिम्मेदारी ली थी. इस केस के 78 आरोपी हैं और 35 एफआईआर दर्ज हैं. अब्दुल सुभान कुरैशी इस सीरियल ब्लास्ट का मास्टरमाइंड माना जाता है.