मुंबई हमले के मास्टरमाइंड और जमात उद दावा प्रमुख हाफिज सईद को अब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की प्रतिबंध निगरानी टीम के पाकिस्तान दौरे से पहले अपनी गिरफ्तारी का डर सता रहा है. उसने लाहौर उच्च न्यायालय में गिरफ्तारी से बचाव के लिये याचिका दायर करते हुये कहा कि सरकार भारत और अमेरिका के कहने पर उसे गिरफ्तार करना चाहती है.
यूएनएससी की 1267 सेंक्शंस कमेटी की निगरानी समिति इस हफ्ते इस्लामाबाद का दौरा करेगी. समिति यह देखेगी कि पाकिस्तान विश्व निकाय के प्रतिबंध संबंधी आदेशों का अनुपालन कर रहा है या नहीं. दो दिवसीय दौरा गुरूवार से शुरू होने की उम्मीद है. मीडिया में आई खबरों में कहा गया था कि पाकिस्तान समिति को हाफिज सईद या उसके परिसरों तक सीधी पहुंच की इजाजत नहीं देगा.
संभावित गिरफ्तारी की आशंका से घिरे सईद ने अपने वकील ए के डोगर के जरिए दायर याचिका में अदालत से सरकार को उन्हें गिरफ्तार न करने का निर्देश देने की मांग की. हाफिज ने याचिका में अदालत से सरकार को यह निर्देश देने की भी मांग की है कि उसके संगठनों पर भी किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जाए.
आतंकी हाफिज सईद और उससे जुड़े संगठनों पर प्रतिबंध को पूरी तरह लागू करने में विफल रहने को लेकर भारत और अमेरिका द्वारा पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाने के बीच संयुक्त राष्ट्र की निगरानी टीम यह दौरा कर रही है. हालांकि पाकिस्तानी अधिकारियों ने इसे नियमित दौरा बताया है.
गौरतलब है कि हाफिज सईद को दिसंबर, 2008 में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव संख्या 1267 में शामिल किया गया था. वहीं अमेरिका ने जून 2014 में लश्कर-ए-तैयबा को विदेशी आतंकी संगठन करार दिया था.
बता दें कि हाल ही में अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति हामिद करजई ने कहा था कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकवादी घोषित हाफिज सईद के खिलाफ बहुत सारे सबूत हैं. कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी ने 2008 के मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड सईद को क्लीनचिट दे दी थी.