दिनांक २८.०१.२०१८ को बद्री विशाल की प्रेरणा से बद्रीनाथ जी के पास शालीमार गार्डन गाज़ियाबाद,उत्तराखड की स्थाई राजधानी गैरसैण को अविलम्भ बनाने के लिए महिलाओं, युवाओं बुद्धिजीवियों एंड जन संगठनों द्वारा शंखनाद किया गया।
इस संगोष्ठी का आयोजन उत्तरांचल भ्रातृ समिति, विभिन्न भ्रातृसमितियों व सभी गैरसैण समर्थको ने किया।
इस संगोष्ठी में इस बात पर सर्वसंम्मति बनी कि १७ साल की जुमलेबाजी से कुछ भी नहीं मिला और राजधानी न बनने का मूल कारण राजनेताओं और माफियो का कुटिल गठजोड़ है. एवं गैरसैण में स्थाई राजधानी निर्माण सिर्फ स्थान परिवर्तन न होकर उत्तराखंड का विकेन्द्रित विकास करना है जिससे जन आकांक्षाओं को जनतांत्रिक प्रणाली के माध्यम से मूर्त रूप दिया जाय। आगे की रणनीति पर दिल्ली एनसीआर की सभी भ्रातृत्व समितियों से इस मुद्दे पर संवाद करने संगठित करने के साथ-साथ पहाड़ में क्रियाशील संघठन को सहयोग देने पर सहमति बनी।
इस संगोष्ठी की विशेष बात यह रही कि इसमें महिलाओं और युवाओ कि भागीदारी के साथ-साथ दिल्ली एन. सी. आर. के दूर दराज के क्षेत्रों जैसे रोहणी, द्वारका, लाजपत नगर, वसुंधरा, इंद्रापुरम, मयूर विहार, दिलशाद गार्डन के कई उत्तराखंड समाज के लोगों की भागीदारी मुख्य रही।
इस अवसर पर उत्तराखंड की पहली फिल्म निर्देशिका सुशीला रावत, युवा लेखिका मीना पांडेय , सामाजिक कार्यकर्ता हंसा रमोला, विमला कांडपाल, ममता कांडपाल, कांती बिष्ट, गायत्री घुघत्याल, निर्मला अकोलिया सहित कई महिलाओं की भागीदारी रही और वरिष्ठ पत्रकार चारु तिवारी, जयसिंह रावत, दलबीर रावत, सुनील नेगी, बलराज नेगी, नरेश देवरानी, अमित राणा, मुकुल पांडेय, विनोद नौटियाल, आर.भट्ट एवं रमेश कांडपाल,अमन बलूनी, तारादत्त मासीवाल, कैलाश पांडेय, सुन्दर सिंह, डॉ डंगवाल, लीलाधर धौलाखण्डी युवा पत्रकार विपिन गौड़ के पुनीत प्रयासों द्वारा संगोष्ठी का सफल आयोजन संभव हो सका।
इस संगोष्ठी में मुख्य वक्ता उत्तराखंड के जनसरोकारों जुड़े वरिष्ठ पत्रकार श्री चारु तिवारी जी रहे जिनको उत्तराखंड का एन्सिक्लोपीडिया भी कहा जाता है। उन्होंने ना सिर्फ उत्तराखंड की समस्याओं को रेखांकित किया अपितु समाधान के रूप में गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने का आहवान किया।
हम संस्था के सभी वरिष्ठजनों व मातृशक्ति का विशेष आभार करते हैं जिन्होंने हमारे युवाओं के इस प्रयास को ताकत दी है !
जय गैरसैंण