त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार लगातार देश के सबसे गरीब मुख्यमंत्री बने हुए हैं. उनके पास सिर्फ 1520 रुपये की नकदी है. वयोवृद्ध कम्युनिस्ट नेता माणिक सरकार ने सोमवार को राज्य विधानसभा चुनाव के लिए धनपुर सीट से अपना नामांकन दाखिल किया. इसी मौके पर दाखिल हलफनामे के जरिए माणिक सरकार ने अपनी निजी आर्थिक स्थिति को सार्वजनिक किया. माणिक सरकार सीपीएम के पोलितब्यूरो के सदस्य भी हैं.
माणिक सरकार के ताजा हलफनामे के मुताबिक इस साल 20 जनवरी को उनका बैंक बैलेंस 2410.16 रुपये था. 2013 में पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान माणिक सरकार ने जो हलफनामा दाखिल किया था, उसमें उन्होंने अपना बैंक बैलेंस 9720.38 रुपये दिखाया था.
माणिक सरकार लगातार पांच कार्यकाल से त्रिपुरा के मुख्यमंत्री हैं. देश में सभी मौजूदा मुख्यमंत्रियों में वो सबसे ज्यादा लंबे समय से मुख्यमंत्री हैं. वो पहली बार त्रिपुरा के मुख्यमंत्री साल 1998 में बने थे. 69 वर्षीय माणिक सरकार मुख्यमंत्री के नाते मिलने वाला अपना पूरा वेतन पार्टी फंड के लिए दान कर देते हैं. बदले में उन्हें पार्टी से 10,000 रुपये महीना गुजारा भत्ता मिलता है.
माणिक सरकार ने अपने हलफनामे में पैतृक संपत्ति के तौर पर अगरतला में 0.0118 एकड़ गैर कृषि भूमि का हवाला दिया है, जिस पर उनके साथ भाई-बहन का भी साझा मालिकाना हक है. माणिक सरकार के पास सिर्फ यही अचल संपत्ति है.
दिलचस्प बात ये है कि पांच बार से मुख्यमंत्री बनते आ रहे माणिक सरकार अपने पास मोबाइल फोन भी नहीं रखते. माणिक सरकार छठी बार मुख्यमंत्री बनने के लिए चुनाव मैदान में उतरे हैं. उन्हें बीजेपी से कड़ी चुनौती का सामना है जिसे सोशल मीडिया के इस्तेमाल में धुरंधर माना जाता है. माणिक सरकार की सोशल मीडिया पर किसी तरह की मोजूदगी नहीं है, ना ही उनका कोई निजी ईमेल खाता है.
माणिक सरकार के चुनावी हलफनामे के मुताबिक उनकी पत्नी पांचाली भट्टाचार्जी के पास 20,140 रुपये की नकदी हैं. पांचाली भट्टाचार्जी पूर्व राज्य सरकार कर्मचारी हैं. उनके बैंक खाते में 12,15,714.78 रुपये हैं.
माणिक सरकार अपनी पत्नी के साथ सरकार की ओर से उपलब्ध कराए गए आवास में रहते हैं. सरकार दंपती सादा जीवन जीने की पहचान माने जाते हैं. माणिक सरकार की पत्नी को अब भी अगरतला में कहीं आने जाने के लिए रिक्शा की सवारी करते देखा जा सकता है.