कभी महज 60 रुपये की दैनिक मजदूरी पर काम करने वाले जम्मू-कश्मीर के बल्लेबाज मंजूर डार को इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) का टिकट मिल गया है. आईपीएल की नीलामी में किंग्स इलेवन पंजाब ने डार को 20 लाख रुपये की बोली लगाकर टीम से जोड़ा है.
लंबे (सौ मीटर से ज्यादा दूर) छक्के लगाने के लिए जाने जाने वाले डार ने कहा, ‘मैं इस मौके लिए अल्लाह का शुक्रगुजार हूं, किंग्स इलेवन और प्रीति (जिंटा) का भी. मेरी जिंदगी संघर्षों से भरी हुई है और जब मुझे नीलामी में टीम मिली, तो मैं उस दिन के बारे में सोच रहा था, जब मैं गांव में मजदूरी कर रोजाना 60 रुपये कमाता था’
डार आईपीएल नीलामी में करार पाने वाले जम्मू-कश्मीर के इकलौते क्रिकेटर हैं, जो सिर्फ उनके लिए ही नहीं, बल्कि राज्य के लिए भी बड़ी बात हैं. अगले महीने होने वाले विजय हजारे ट्रॉफी की जम्मू में तैयारियों में लगे डार ने पीटीआई से कहा,‘ मैं मां से बात कर रहा था. उन्होंने बताया कि लगभग 30,000 लोग हमें बधाई देने आए हैं. ऐसा प्यार पाना काफी खास है.’
डार ने कहा कि क्रिकेट खेलने के सपने को पूरा करने के लिए वह रात में सुरक्षा गर्ड का काम करते थे और दिन में क्रिकेट खेलते थे, जो काफी मुश्किल था. पांडव के नाम से जाने जाने वाले डार ने कहा, ‘ सिर्फ यही एक तरीका था, जिसके जरिये मैं खेलना जारी रख सकता था. 2008 से 2012 तक मैं रात में सुरक्षा गार्ड का काम करता था, लेकिन यही वह समय था जब मैंने क्लब क्रिकेट में अपना स्थान बनाया. ‘
डार ने कहा, ‘मेरा लक्ष्य ज्यादा से ज्यादा क्रिकेट खेलना था, क्योंकि इससे मैं अधिक पैसे कमा सकता था. मुझे अच्छी तरह याद है, जब पहली बार मैंने क्लब क्रिकेट खेला था, तो मेरे पास न तो जूते थे और न ही क्रिकेट की दूसरी सामग्री.’ पिछले साल जनवरी में राज्य टीम के लिए पदार्पण करने वाले डार के पास नौ टी-20 और चार लिस्ट-ए श्रेणी की मैचों का अनुभव है.
हाल ही में घरेलू टी-20 टूर्नामेंट में दिग्गज युवराज सिंह के खिलाफ खेलने वाले डार ने कहा कि उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि युवी के साथ ड्रेसिंग रूम साझा करेंगे. उन्होंने कहा, ‘युवराज के साथ खेलना मेरे लिए बड़ी बात है. कपिल देव और महेंद्र सिंह धोनी भी मेरे आदर्श हैं. मैं हमेशा धोनी की तरह छक्के लगाना चाहता हूं.’
क्रिकेट के मौजूदा दौर में 20 लाख रुपये ज्यादा नहीं है, लेकिन डार को लगता है इससे उनकी लिए बेहतर जिंदगी की शुरुआत होगी. उन्होंने कहा, ‘मैं पिछले तीन साल से घर बनावा रहा हूं, जो अभी भी पूरा नहीं हुआ है. उम्मीद है अब उसे पूरा करवा पाऊंगा. इस पैसे का इस्तेमाल बीमार मां के इलाज के लिए करूंगा.’