राजद नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर बड़ा आरोप लगाया है. तेजस्वी ने आरोप लगाया है कि नीतीश विधायकों की हत्या करवाने पर आमादा हैं. शुक्रवार को बेगूसराय के बखरी से विधायक उपेंद्र पासवान के ऊपर हुए जानलेवा हमले पर तेजस्वी ने कहा कि 6 महीने पहले जनादेश का बलात्कार और डकैती करने वाले नीतीश कुमार का पेट अभी नहीं भरा है और वह आरजेडी के विधायकों को मरवाने पर तुले हुए हैं.
‘मौनी बाबा बने हुए हैं नीतीश’
तेजस्वी यादव ने कहा कि पिछले 6 महीने में उपेंद्र पासवान राजद के चौथे विधायक हैं, जिन पर जानलेवा हमला किया गया है. इसके बावजूद भी मुख्यमंत्री मौनी बाबा बने हुए हैं और चुप्पी साधे बैठे हैं. तेजस्वी ने कहा कि नीतीश अपनी कुर्सी बचाने के चक्कर में काला लबादा ओढ़कर कुर्सी से ही चिपक गए हैं.
‘…तो नीतीश को कर लेना चाहिए दो-दो हाथ’
नीतीश पर तंज कसते हुए तेजस्वी ने कहा कि जैसा राजा वैसा ही प्रशासनिक तंत्र. आरजेडी नेता ने कहा कि जनादेश की डकैती करने के बाद पूरा प्रशासनिक अमला डकैतों की तरह व्यवहार कर रहा है. नीतीश को चुनौती देते हुए तेजस्वी ने कहा कि अगर उनकी चुनावी राजनीति में थोड़ी भी आस्था बची हुई है तो उन्हें आरजेडी के साथ दो-दो हाथ कर लेना चाहिए. ना की गोलियां चलवा कर उनके विधायकों को मरवाने की कोशिश करनी चाहिए.
‘कौन लेगा विपक्षी नेताओं पर हमले की जिम्मेदारी?’
तेजस्वी ने कहा कि बिहार की गिरती कानून व्यवस्था को दुरुस्त करने की काबिलियत मुख्यमंत्री में नहीं है तो आखिर वह किस मुंह से बिहार में नैतिकता और समाज सुधार की बात करते हैं? नीतीश को हाल में ही केंद्र सरकार द्वारा मिले जेड प्लस सिक्योरिटी को लेकर बोलते हुए तेजस्वी ने कहा कि खुद मुख्यमंत्री 350 SSG गार्ड, 10 बुलेट प्रूफ कार, केंद्र की जेड प्लस सुरक्षा और CRPF की सुरक्षा में रहते हैं और लेकिन विपक्षी नेताओं की सुरक्षा और उन पर हो रहे हमले की जिम्मेदारी आखिर कौन लेगा?
‘हिम्मत है तो चुनावी मैदान में आकर लड़ें नीतीश’
नीतीश के ऊपर चल रहे हत्या के मामले का जिक्र करते हुए तेजस्वी ने कहा कि जिस राज्य के मुख्यमंत्री पर खुद संगीन हत्या का मामला चल रहा हो उससे दूसरों की सुरक्षा की उम्मीद क्या की जा सकती है.
तेजस्वी ने कहा कि अगर नीतीश कुमार यह सोच रहे हैं कि अपने पालतू और प्रशासन प्रायोजित गुंडों से आरजेडी के विधायकों, कार्यकर्ताओं और समर्थकों को मरवा कर वह उनकी 10 फरवरी से शुरू होने वाली न्याय यात्रा को रुकवा देंगे तो वह खुद को धोखा ही दे रहे हैं. तेजस्वी ने नीतीश को चैलेंज किया कि अगर उनमें हिम्मत है तो चुनावी मैदान में आकर उनसे लड़ें.