दिल्ली – आईएफसीआई वित्तीय वर्ष 2016-17 में कई मानक परिसम्पत्तियों के अवमानक बन जाने के कारण परिचालनात्मक आय और निवल अर्जन भी प्रभावित हुआ । तथापि अच्छी बात यह रही कि जून 2017 की तिमाही में यह गिरावट अधिकतम रही तथा कम्पनी इस गम्भीर स्थिति धीरे-धीरे बाहर आ रही है । मानक व अलाभकारी परिसम्पत्तियों से वसूली तथा नीतिगत व परियोजना निवेशों के विनिवेश के किए जा रहे प्रयासों द्वारा निकट भविष्य में सुधार की आशा है ।
परिचालनात्मक आय वित्तीय वर्ष 2017 की तृतीय तिमाही के 577 करोड़ रुपए की तुलना में वित्तीय वर्ष 2018 की तृतीय तिमाही में भली भांति सुधर कर 627 करोड़ रुपए हो गई ।
तथापि पिछली समय अवधि के दौरान 2,162 करोड़ रुपए की तुलना मे घटकर परिचालनात्मक आय प्रथम 9 माह में 1,967 करोड़ रुपए रही,जिसका कारण वित्तीय वर्ष 2017 की अन्तिम तिमाही व वित्तीय वर्ष 2018 की प्रथम तिमाही में मानक मामलों का अलाभकारी परिसम्पत्ति बन जानाए अप्रर्याप्त ब्याज आय का रिवर्सल तथा अलाभकारी परिसम्पत्ति अवधि के पश्चात् के ब्याज को मान्यता न देना तथा इस अवधि में 2,075 करोड़ रुपए की मानक परिसम्पत्तियों की समय,पूर्व अदायगी रहे ।
वित्तीय वर्ष 2017 की तीसरी तिमाही के 41 करोड़ रुपए की तुलना में इस तीसरी तिमाही में परिचालनात्मक लाभ 116 करोड़ रुपए रहा । तथापि विवेकसम्मत आधार पर, दिसम्बर 2016 की तिमाही में 140 करोड़ रुपए की तुलना में दिसम्बर 2017 की इसी तिमाही में 412 करोड़ रुपए के उच्च प्रावधानों के कारण,इस वर्तमान तिमाही में दिसम्बर,2016 की तिमाही के 45 करोड़ रुपए की हानि की तुलना में 177 करोड़ रुपए की निवल हानि हुई ।
वर्तमान 9 माह के दौरान अलाभकारी परिसम्पत्तियों से 672 करोड़ रुपए की वसूली हुई जो पिछले वर्ष की समान अवधि के 159 करोड़ रुपए से काफी अधिक है ।