टीम इंडिया और साउथ अफ्रीका के बीच छह मैचों की वनडे सीरीज का तीसरा मुकाबला केपटाउन के न्यूलैंड्स स्टेडियम में खेला जा रहा है . साउथ अफ्रीका ने टॉस जीतकर गेंदबाजी का फैसला किया है और टीम इंडिया को पहले बल्लेबाजी का न्योता दिया है.
भारत ने अफ्रीका दौरे की शुरुआत इसी मैदान से ही की थी. अब एक बार फिर वह यहां लौटी है, लेकिन इस बार वो मजबूत स्थिति में है और मेजबानों पर उसका पलड़ा भारी भी लग रहा है.
विराट ब्रिगेड ने शुरुआती दो वनडे जीतकर छह मैचों की सीरीज में 2-0 की बढ़त ले ली है. अगर टीम इंडिया तीसरा वनडे जीत लेती है, तो वह यह सीरीज हार नहीं सकती. ऐसे में उसके लिए अपनी बढ़त को और मजबूत करने का मौका है.
D फैक्टर के बाहर होने से टूटी अफ्रीका की कमर
चोटों के कारण साउथ अफ्रीका का बल्लेबाजी क्रम एक तरह से बिखर चुका है. पहले एबी डिविलियर्स तीन वनडे मैचों के लिए बाहर हुए. हालांकि वह चौथे वनडे में वापसी करेंगे या नहीं यह कहना अभी भी मुश्किल है.
उनके बाद कप्तान फाफ डु प्लेसिस अंगुली में चोट के कारण पूरी सीरीज से बाहर हो गए हैं. उनके बाद विकेटकीपर बल्लेबाज क्विंटन डी कॉक भी चोट के कारण मैदान से दूर हैं.
अफ्रीकी सरजमीं पर टीम इंडिया के पास इतिहास रचने का मौका
भारतीय टीम की नजरें पहली बार अफ्रीकी सरजमीं पर किसी बाईलैटरल वनडे सीरीज में तीन मैच जीतकर इतिहास रचने पर टिकी हैं. अगर ऐसा होता है तो केपटाउन में भारत की 1992 से 5 मैचों में तीसरी जीत होगी. भारत ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ यहां तीन में से दो मैच गंवाए हैं और एक जीता है.
अफ्रीका में अपना रिकॉर्ड बदलेगा भारत
साउथ अफ्रीका में बाईलैटरल सीरीज में इससे पहले भारतीय टीम कभी दो से अधिक वनडे नहीं जीत पाई है. मेहमान टीम ने 1992-90 में सात मैचों की सीरीज 2-5 से गंवाई थी, जबकि 2010-11 में भारत 2-1 की बढ़त बनाने के बाद पांच मैचों की सीरीज 2-3 से हार गई थी. लेकिन मौजूदा टीम इंडिया के स्तर को देखते हुए उसके पास इतिहास रचने का मौका है.
टीम इंडिया
भारतीय टीम के बल्लेबाज और गेंदबाज दोनों फॉर्म में हैं. बल्लेबाजी में भारतीय कप्तान विराट कोहली का बल्ला रन उगल रहा है. उन्होंने पहले वनडे में शतक जड़ा था. उनके अलावा पहले वनडे में अजिंक्य रहाणे ने अर्धशतकीय पारी खेली तो दूसरे वनडे में शिखर धवन ने 51 रन बनाए थे.
भारत के मिडिल ऑर्डर को हालांकि अभी तक क्रीज पर उतरने का मौका नहीं मिला है. अगर भारत का टॉप ऑर्डर विफल होता है, तो जिम्मेदारी केदार जाधव, महेंद्र सिंह धोनी, हार्दिक पंड्या के कंधों पर होगी. धोनी के रहते टीम प्रबंधन बिना चिंता के रह सकता है.
गेंदबाजी में भारत के पास भुवनेश्वर कुमार और जसप्रीत बुमराह है. भुवनेश्वर ने इसी मैदान पर खेले गए पहले टेस्ट में शानदार गेंदबाजी की थी.
इसी मैदान पर खेलते हुए बुमराह ने टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू किया था और अपनी अहमियत को खेल के लंबे फॉर्मेट में भी साबित किया था. इन दोनों के अलावा पंड्या तीसरे तेज गेंदबाज के विकल्प हैं.
पहले दो वनडे में अफ्रीकी बल्लेबाज चाइनामैन कुलदीप यादव और लेग स्पिनर युजवेंद्र चहल की स्पिन जोड़ी से परेशान रहे हैं. तीसरे मैच में भी कप्तान कोहली इन दोनों को अपने हथियार के रूप में इस्तेमाल करेंगे.
साउथ अफ्रीका
मेजबानों की बल्लेबाजी कमजोर है. डिविलियर्स, डु प्लेसिस, डी कॉक के भार होने से साउथ अफ्रीका की बल्लेबाजी का भार हाशिम अमला, जे पी ड्यूमिनी और डेविड मिलर पर होगा. इन तीनों में से कोई भी अभी तक अपनी फॉर्म का परिचय नहीं दे पाया है.
गेंदबाजों में मेजबानों के पास लुंगी नगीदी, कैगिसो रबाडा, क्रिस मॉरिस के रूप में अच्छे विकल्प हैं. चौथे वनडे में दूसरी बार कप्तानी कर रहे अफ्रीका के एडेन मार्करम के सामने भारतीय बल्लेबाजों से निपटने के अलावा अपनी टीम में सुंतलन बनाए रखने की चुनौती है.
मेजबानों के लिए मुसीबत पहाड़ बनकर खड़ी है, लेकिन तीन टेस्ट मैचों की सीरीज के पहले टेस्ट मैच में यहां तेज गेंदबाजों का बोलबाला रहा था और दक्षिण अफ्रीका के पास अच्छा तेज गेंदबाजी आक्रमण है और यहां भारत को सावधान रहने की जरूरत है.
प्लेइंग इलेवन :
भारत: विराट कोहली (कप्तान), शिखर धवन, रोहित शर्मा, अजिंक्य रहाणे, महेंद्र सिंह धोनी, केदार जाधव, हार्दिक पंड्या, युजवेंद्र चहल, कुलदीप यादव, भुवनेश्वर कुमार, जसप्रीत बुमराह.
साउथ अफ्रीका: हाशिम अमला, एडेन मार्करम (कप्तान), जेपी डुमिनी, हेइनरिक क्लासेन (विकेटकीपर), डेविड मिलर, खाया जोंडो, क्रिस मॉरिस, कैगिसो रबाडा, लुंगी नगीदी, फेहलुकवायो , इमरान ताहिर.