राजस्थान में वसुंधरा राजे सरकार ने सोमवार को अपना पांचवां और मौजूदा कार्यकाल का आखिरी बजट पेश किया. वसुंधरा ने सबसे बड़े वोट बैंक किसानों को साधने के लिए पूरे प्रयास किए तो वहीं शहरी वोटरों के लिए जमीन सस्ती करने की सौगात दी. बजट पर इस साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव की छाया साफ तौर पर नजर आई.
राजस्थान में किसानों पर 30 सितंबर तक के 50 हजार तक के लोन और ओवर ड्यू पर ब्याज माफ का ऐलान किया. 7 लाख नए बिजली कनेक्शन दिए जाएंगे. नोटबंदी और जीएसटी के बाद नाराज चल रहे व्यापारियों को भी राजी करने के प्रयास बजट में किए गए हैं.
बजट की मुख्य बातें
सीएम वसुंधरा ने बजट में किसानों के लिए एक और बड़ी घोषणा की है. इसका फायदा प्रदेश के करीब 50 लाख किसानों को होगा. बजट भाषण में उन्होंने कृषि भूमि पर लगने वाले भू-राजस्व को माफ करने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि इसका फायदा प्रदेश के 50 लाख किसानों को होगा. इसके साथ ग्रामीण इलाकों में कृषि भूमि के आवासीय उपयोग परिवर्तन के लिए देय राशि में भी कटौती की है.
पर्यावरणीय कारणों से राजस्थान में बजरी खनन पर रोक है. इसके चलते कई बड़े प्रोजेक्ट प्रभावित हो रहे हैं. इस समस्या को दूर करने के लिए बजरी खनन के छोटे पट्टे जारी किए जाएंगे. बजट में सस्ते मकानों के लिए डीएलसी दरों में भी कटौती की है. उन्होंने कहा कि मौजूदा डीएलसी में 10 फीसदी की कमी की जाएगी. राजस्थान में व्यापारी कल्याण बोर्ड की स्थापना करने की घोषणा की गई. इस कोष के लिए 10 करोड़ रुपए का प्रावधान रखा गया है. साथ ही बजट में रोजगार सब्सिडी की भी घोषणा की.
राजस्थान में पुलिसकर्मियों को मेस भत्ता बढ़ाने की घोषणा की है. इसके तहत प्रदेश के करीब 80 हजार पुलिसकर्मी लाभान्वित होंगे.