श्रीनगर में सीआरपीएफ मुख्यालय के पास सोमवार को आतंकियों के खिलाफ शुरू हुआ एनकाउंटर मंगलवार को भी जारी है. सोमवार सुबह करीब 4.30 बजे दो-तीन आतंकियों ने सीआरपीएफ मुख्यालय में हथियारों समेत घुसने की कोशिश की थी, जिसके बाद पास की ही बिल्डिंग में एनकाउंटर चल रहा है. बताया जा रहा है कि बिल्डिंग में 3-4 आतंकी हो सकते हैं.
CRPF के IG ऑपरेशन जुल्फिकार हसन ने बताया कि अभी भी एनकाउंटर चल रहा है, हम लोग नागरिकों को निकाल रहे हैं. उन्होंने कहा कि किसी भी नुकसान से बचने के लिए संभल कर कार्रवाई की जा रही है. जम्मू-कश्मीर पुलिस IG एसपी पाणी का कहना है कि अभी ऑपरेशन अपने अंतिम दौर में चल रहा है, दो आतंकी अंदर हैं. आतंकी बिल्डिंगों के बीच में छुपे हुए हैं.एनकाउंटर के दूसरे दिन आतंकियों पर नज़र रखने के लिए ड्रोन की मदद ली जा रही है. सीआरपीएफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के सीनियर अधिकारी भी मौके पर मौजूद हैं. सुरक्षाबलों ने करन नगर के आस-पास के इलाके को घेरा हुआ है.
आपको बता दें कि जिस बिल्डिंग में आतंकी छुप कर बैठे हैं, वह बिल्कुल नई बनी है. इसी कारण से अभी बिल्डिंग की खिड़कियों में शीशे नहीं है, इसलिए ड्रोन के जरिए अंदर की तस्वीरें भी साफ दिख सकती है.
बता दें कि सोमवार को हुए इस हमले की कोशिश में सीआरपीएफ का एक जवान शहीद हो गया था. लश्कर-ए-तैयबा ने सीआरपीएफ के शिविर पर इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली है. कश्मीर में इस आतंकी संगठन के सरगना ने ईमेल के जरिए जारी बयान में कहा कि उसके लोगों ने इस हमले को अंजाम दिया.
मुफ्ती ने की थी पाकिस्तान से बात की पैरवी
सोमवार को जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने राज्य में हिंसा खत्म करने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच नए सिरे से बातचीत की पैरवी की थी मुख्यमंत्री ने कुछ मीडिया समूहों पर निशाना साधा और दावा किया कि मीडिया ने ऐसा माहौल तैयार कर दिया जिसमें बातचीत के बारे में जिक्र करना भी राष्ट्र विरोधी मान लिया गया है.
उन्होंने राज्य विधानसभा में कहा, ‘‘अगर फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती पाकिस्तान के साथ बातचीत करने को कहते हैं तो उन्हें राष्ट्र विरोधी करार दिया जाता है. बातचीत के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं है.’’
गौरतलब है कि छह फरवरी को आतंकवादियों ने इसी अस्पताल से लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी नवीद जट उर्फ अबु हंजला को पुलिस हिरासत से छुड़ा लिया था. आपको बता दें कि दो दिन पहले ही जम्मू के सुंजवां इलाके में जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने सेना के शिविर पर हमला कर दिया था जिसमें पांच सैनिकों सहित कुल छह लोग मारे गए थे.