यूपी की योगी सरकार ने अपने दूसरे बजट में विकास पर खास जोर दिया है. योगी के इस बजट में सड़कों, बुनियादी ढांचे के विकास और शिक्षा के लिए भारी आवंटन किया गया है. इस बजट में यूपी के पिछड़े इलाकों में विकास पर खास ध्यान दिया गया है. सड़कों और बुनियादी ढांचे पर भारी आवंटन से इन इलाकों में विकास की लहर तेज होगी.
योगी सरकार ने शुक्रवार को अपना दूसरा बजट पेश किया. 2019 से पहले पेश इस बजट को राज्य के इतिहास का सबसे बड़ा बजट बताया जा रहा है. वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने 4,28,384 करोड़ रुपये का मेगा बजट पेश किया. इसे देश में किसी भी राज्य का सबसे बड़ा बजट बताया जा रहा है.
बिछेगा सड़कों का जाल
योगी सरकार ने प्रदेश में सड़कों और बुनियादी ढांचे के विकास पर खास जोर दिया है. इसमें पूर्वांचल और बुंदेलखंड जैसे पिछड़े इलाकों का खास ध्यान रखते हुए सड़कों के निर्माण के लिए भारी आवंटन किया गया है. खुद योगी पूर्वांचल से आते हैं. यूपी में सड़कों का जाल बिछाने के लिए कुल 11,343 करोड़ का बजट तय किया गया है. बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के लिए 650 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के लिए 1000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है.
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के लिए 550 करोड़ का आवंटन किया गया है. इसे गोरखपुर की जनता के लिए योगी की सौगात माना जा सकता है. इसके अलावा बुंदेलखंड को सड़क के लिए 200 करोड़ अतिरिक्त दिए गए हैं. लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे के लिए पांच सौ करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है. प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए कुल 2,873 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है.
इसके अलावा अन्य बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की बात करें तो एनसीआर मेट्रो के लिए 500 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. राज्य में पुलों के निर्माण के लिए 1,817 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है.
शिक्षा पर भी जोर
शिक्षा के क्षेत्र में 18167 करोड़ का बजट तय किया गया है. माध्यमिक शिक्षा अभियान के लिए 480 करोड़ रुपए, दीनदयाल राजकीय मॉडल विद्यालय के लिए 26 करोड़, राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान के लिए 167 करोड़, अहिल्याबाई निःशुल्क शिक्षा योजना के लिए 21 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है. अरबी-फारसी मदरसों के आधुनिकीकरण के लिए योगी ने 404 करोड़ रुपये रखे हैं. योगी सरकार का मदरसों में बदलाव और उन्हें मुख्यधारा में लाने पर खास जोर रहा है.
बजट के कुछ अनूठे प्रस्ताव
राज्य के बजट में 13 जनपदों में कॉमर्शियल कोर्ट के गठन का प्रस्ताव रखा गया है. इसके अलावा वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट लिए दो सौ पचास करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है. कारागारों में सोलर ऊर्जा के लिए 10 करोड़ करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है. कुंभ मेले के लिए 1500 करोड़ का बजट तय किया गया है.