शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने श्रीश्री रविशंकर के आउट ऑफ कोर्ट सेटलमेंट प्रस्ताव को खारिज कर दिया है. शिया बोर्ड ने कहा कि वह अपने फैसले पर अडिग है कि मस्जिद ए अमन को लखनऊ ही लाया जाए.
शिया सेंट्रल बोर्ड की तरफ से आज जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड का बहुमत का फैसला साफ़ है कि वहां से बाबरी मस्जिद हटाई जानी चाहिए और 14 कोसी परिक्रमा के भीतर कोई मस्जिद का निर्माण नहीं होना चाहिए.
शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड के चेयरमन वसीम रिज़वी के मुताबिक शिया बोर्ड अपने फैसले पर अडिग है. शिया सेंट्रल बोर्ड ने साफ लिखा है कि श्रीश्री रविशंकर का जो फार्मूला मीडिया के माध्यम से सामने आया है, उसे शिया वक्फ बोर्ड पूरी तरीके से खारिज करता है. शिया वक्फ बोर्ड ने जो फैसला लिया है कि मस्जिद ए अमन अयोध्या के बजाय लखनऊ में बनाया जाए उस पर ही अडिग है.
बता दें कि कुछ महीने पहले शिया सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने अपनी जनरल मीटिंग में इस बात का फैसला किया था कि बाबरी मस्जिद का नाम मस्जिद ए अमन होगा और उसे अयोध्या से हटाकर लखनऊ लाया जाएगा ताकि हिंदू और मुसलमानों के बीच किसी तरह का कोई मतभेद आगे ना हो.
वहीं रामजन्म भूमि निर्माण न्यास से निकाले जाने के बाद अमरनाथ मिश्रा काफी नाराज चल रहे हैं. उन्होंने इस वजह से आर्ट ऑफ लिविंग पर भी हमला बोला है. अमरनाथ मिश्रा ने बयान दिया कि वे सौदेबाजी करने के पक्ष में नहीं हैं. मिश्रा ने कहा कि उन्हें राम की सेवा करने से कौन रोकेगा, आर्ट ऑफ लिविंग कैसे रोकेगा उन्हें. साथ ही मिश्रा ने उन्हें निकालनेवालों को सौदेबाज बताया. आपको बता दें कि अमरनाथ मिश्रा ने नदवी पर बुधवार को आरोप लगाया था कि अयोध्या का इस्लामीकरण करना चाहते हैं. मिश्रा ने कहा था कि यह फॉर्मूला दरअसल उनका था जो उन्होंने 5 फरवरी को सलमान नदवी और दूसरे मुस्लिम नेताओं को दिया था, लेकिन उसी मुलाकात के दौरान सलमान नदवी ने इस डील के एवज में 5000 करोड़ रुपए, अयोध्या में 200 एकड़ जमीन और राज्यसभा की एक सीट मांगी थी.