वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आयुष्मान भारत योजना के तहत आयुर्वेद को बढ़ावा देने के लिए बजट में 1.5 करोड़ आरोग्य केंद्र खोलने का ऐलान किया था. बताया जा रहा है कि इन केन्द्रों पर आयुर्वेद के साथ-साथ यूनानी, सिद्ध, प्राकृतिक चिकित्सा और योग को भी जगह मिलेगी.
यही नहीं, इन केंद्रों पर सामान्य बीमारियों की मुफ्त दवाएं भी उपलब्ध होंगी. आयुष मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि आरोग्य केंद्रों में आम आदमी को निरोग बनाने के लिए देसी चिकित्सा पद्धति अपनाने पर जोर दिया जाएगा.
आयुर्वेद पद्धति से डायबिटीज के इलाज पर भी यहां खास ध्यान दिया जाएगा. इसके लिए काउंसिल फॉर साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रीयल रिसर्च (सीएसआइआर) द्वारा विकसित बीजीआर-34 नामक आयुर्वेदिक दवा को उपयोग में लाया जाएगा.
मालूम हो कि एमिल फार्मास्यूटिकल्स द्वारा बाजार में लाई गई बीजीआर-34 ऐसी दवा है जो डायबिटीज को खत्म करने में बेहद कारगर है. यह दवा दो साल के भीतर डायबिटीज के इलाज में 20 बड़े ब्रांड में शामिल हो गई है.
सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन आयुर्वेदिक साइसेंस (सीसीआरएएस) और डायरेक्टोरेट ऑफ हेल्थ सर्विसेस (डीजीएसएस) ने साथ मिलकर 49 कम्युनिटी सेंटरों और तीन जिला अस्पतालों में इस दवा से मरीजों का इलाज शुरू किया है. इसे आगे पूरे देश में लागू करने पर विचार किया जा रहा है.