नई दिल्ली – भारतीय भाषा अभियान दिल्ली उच्च न्यायालय इकाई ने उच्च न्यायालय परिसर में अन्तराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस के अवसर पर “भाषाओं और भाषाई विविधता को बढ़ावा देना तथा न्यायालयों में भारतीय भाषाओं के प्रयोग को स्थापित करना” विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता संजय पोद्दार वरिष्ठ अधिवक्ता ने अपने सम्बोधन में भारतीय भाषाओं को न्यायालयों में भी उचित स्थान मिलने की वकालत की। उन्होंने कहा कि मातृभाषा में ही बच्चों को प्राथमिक शिक्षा मिलनी चाहिए जिससे उनका समुचित और सर्वांगीण विकास हो। कामेश्वर मिश्र क्षेत्रीय संयोजक (पूर्वी क्षेत्र) ने कहा कि भारतीय भाषा अभियान ने अब आंदोलन का रूप ले लिया है और जन-जन से यह आवाज आ रही है कि सम्पूर्ण न्याय व्यवस्था भारतीय भाषाओं में हो। भगवान स्वरूप शुक्ल प्रांत संयोजक दिल्ली ने अंग्रेजी के न्यायालयों में प्रयोग को न्याय प्रक्रिया की सबसे बड़ी बाधा बताया। भारतीय भाषा अभियान से सर्वश्री शंकर कुमार झा सह संयोजक दिल्ली, नलिन त्रिपाठी संयोजक दिल्ली उच्च न्यायालय, कमल कांत झा सह संयोजक दिल्ली उच्च न्यायालय, संजय कुमार पाठक, रमेश पाल लूथरा व्यवस्थापक सर्वोच्च न्यायालय, अनिल हुडा संयोजक सर्वोच्च न्यायालय इकाई, सुश्री अर्चना शर्मा संयोजक दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र एवं मंच संचालिका, राघवेन्द्र शुक्ल संयोजक भाभाअ (निकस प्रकोष्ठ), हिमांशु पाठक सह संयोजक भाभाअ (निकस प्रकोष्ठ), ने संगोष्ठी में भाग लिया।
भारतीय भाषा अभियान में विशेष सहयोग करने वाले कार्यकर्ताओं को प्रतीक चिह्न देकर सम्मानित किया गया।
नलिन त्रिपाठी संयोजक भारतीय भाषा अभियान उच्च न्यायालय के धन्यवाद ज्ञापन के पश्चात संगोष्ठी सम्पन्न हुई।