श्रीदेवी के करियर की दो सबसे बड़ी हिट फिल्मों में ‘नगीना’ और ‘चांदनी’ का नाम भी शुमार होता है. इन दोनों फिल्मों में श्रीदेवी के साथ मेल लीड निभाने वाले ऋषि कपूर जहां श्रीदेवी के पेशेवर प्रतिबद्धता की तारीफ करते नहीं थकते. वहीं ऋषि हिन्दी सिनेमा में श्रीदेवी का एक बड़ा योगदान नायिकाओं के लिए पहले से चली आ रही बंधी-बंधाई लीक को तोड़ना भी मानते हैं.
इंडिया टुडे से एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में ऋषि कपूर ने श्रीदेवी के साथ फिल्मों में काम के अपने अनुभव को साझा किया. ऋषि के मुताबिक श्रीदेवी चाहे गाने का फिल्मांकन हो या कोई जज़्बाती सीन, हर जगह अपना सर्वश्रेष्ठ देती थीं. ऋषि ने कहा, ‘श्रीदेवी बहुत प्रोफेशनल थीं लेकिन साथ ही उनमें बच्चे जैसी चपलता और मासूमियत भी थी. अपने काम को वो बहुत अच्छी तरह समझती थीं और बड़े दिल के साथ उसे अंजाम देती थीं. इस बात के लिए मैं उनकी बड़ी कद्र करता रहा हूं.’
ऋषि कपूर से जब पूछा गया कि जिस दौर में रेखा और हेमा मालिनी जैसी बेजोड़ नायिकाओं को बहुत पसंद किया जाता था, उसी दौर में श्रीदेवी बॉलीवुड में आकर अपने लिए कैसे अपनी मजबूत पहचान बनाने में कामयाब रहीं, तो उन्होंने कहा, ‘हेमा मालिनी ने अपने करियर में जो किया वो बहुत प्रभावशाली है. रेखा के भी बड़े योगदान को नकारा नहीं जा सकता. लेकिन श्रीदेवी को लेकर मैंने जो महसूस किया, वो हमेशा अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए तैयार रहती थीं.’
ऋषि कपूर ने कहा, ‘हिन्दी और अंग्रेजी ज्यादा अच्छी तरह नहीं बोल पाने की अड़चन के बावजूद श्रीदेवी दर्शकों को यही अहसास कराती थीं कि वो जुबान को अच्छी तरह जानती हैं. साथ ही वो अपने भावों को असरदार ढंग से बड़े पर्दे पर उतारने में कामयाब रहती थीं. नगीना के बाद उत्तर भारत में शादियों में उनके नागिन डान्स का जादू सिर चढ़ कर बोला तो चांदनी का गाना ‘मेरे हाथों में नौ-नौ चूड़ियां हैं’, तो शादियों में महिलाओं के लिए एंथम जैसा बन गया.’
नगीना’ के सेट पर एक प्रेम दृश्य का जिक्र करते हुए ऋषि कपूर ने कहा, ‘वो दक्षिण से नई आने की वजह से चुपचाप रहती थीं. हम एक प्रेम दृश्य की शूटिंग कर रहे थे. अचानक असिस्टेंट कैमरामैन ने कहा, फिल्म रोल खत्म हो गया है. इसी के साथ लाइट्स बंद हो गईं. मैं श्रीदेवी के करीब ही था, अजीब सी खामोशी थी. तभी उन्होंने कहा, सर मैंने ‘खेल खेल में’ चार बार देखी है. उस वक्त मैंने श्रीदेवी से कहा कि वो डान्स बहुत अच्छा करती हैं.’
ऋषि कपूर के मुताबिक ‘नगीना’ और ‘मिस्टर इंडिया’ के बाद बहुत बड़ी स्टार बन गई थीं. ‘चांदनी’ की स्क्रिप्ट उन्हीं को ध्यान में रखकर लिखी गई थी. तब तक श्रीदेवी का आत्मविश्वास भी काफी बढ़ गया था. ऋषि ने साथ ही कहा कि इतनी बड़ी स्टार बन जाने के बावजूद श्रीदेवी ने कभी वैसे नाज-नखरे नहीं दिखाए जो उस वक्त इंडस्ट्री में बहुत देखने को मिलता था. ऋषि कपूर ने कहा, ‘मैंने कभी सोचा भी नहीं था कि श्रीदेवी के लिए अखबार में शोक संदेश लिखना पड़ेगा. मुझे उनकी मौत से बहुत सदमा लगा है. अपने करियर को और आगे बढ़ाने के लिए उनके पास सब कुछ था. मैं समझ सकता हूं कि इस वक्त उनके बच्चों और बोनी कपूर पर क्या बीत रही होगी. उनकी बेटी जाह्न्वी डेब्यू करने जा रही है, मैं उसकी कामयाबी के लिए दुआ करता हूं और अपना स्नेह जताता हूं. बस यही दुख रहेगा कि बड़े पर्दे पर अपनी बेटी को देखने के लिए श्रीदेवी ही हमारे बीच नहीं होंगी.’