मोस्ट वांटेड आतंकी हाफिज सईद का राजनीति में आने का रास्ता साफ हो गया है. इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने स्थानीय चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि वह सईद की पार्टी का रजिस्ट्रेशन करे.
सईद की राजनीतिक पार्टी का नाम मिल्ली मुस्लिम लीग (एमएमएल) है जिसे अब पाकिस्तान चुनाव आयोग को अपनी मंजूरी देनी होगी.
इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने बृहस्पतिवार को मिल्ली मुस्लिम लीग को पाकिस्तान चुनाव आयोग से रजिस्ट्रेशन कराने की अनुमति दे दी है. इससे पहले पाकिस्तान चुनाव आयोग एमएमएल को रजिस्ट्रेशन कराने की अनुमति देने से इनकार करता रहा है.
एमएमएल प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और जमात-उद-दावा (जेयूडी) की उपशाखा है. इन संगठनों पर 2008 में मुंबई में और 2001 में भारतीय संसद पर आतंकी हमले करने का आरोप है. नवंबर 2008 में मुंबई हमलों के बाद संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद ने जमात-उद-दावा पर प्रतिबंध लगा दिया था. भारत और अमेरिका समेत कई देशों ने सईद के संगठन लश्कर-ए-तैयबा पर प्रतिबंध लगा रखे हैं.
पाकिस्तानी चुनाव आयोग (ईसीपी) ने पिछले साल अक्टूबर में हाफिज सईद के प्रतिबंधित आतंकी संगठन जमात उद-दावा से जुड़े मिल्ली मुस्लिम लीग को राजनीतिक दल के रूप में पंजीकृत करने संबंधी आवेदन को निरस्त कर दिया था.
एमएमएल राजनीतिक दल के रूप अपनी मान्यता चाहता था जिससे उसके देश में चुनाव में भाग लेने का रास्ता साफ हो सके. तब गृह मंत्रालय ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर कई प्रतिबंधित आतंकी संगठनों के साथ एमएमएल की नजदीकियों के चलते उसे पंजीकृत नहीं करने का निर्देश दिया था.
पाकिस्तान के आंतरिक मंत्रालय के लगातार विरोध के बावजूद कुख्यात आतंकी और जमात-उद-दावा (जेयूडी) के अमीर हाफीज सईद ने पिछले साल दिसंबर में नवाज शरीफ के संसदीय क्षेत्र में अपना राजनीतिक ऑफिस खोल दिया था.
पिछले साल अगस्त में पाकिस्तानी संगठन जमात-उद-दावा के प्रवक्ता ने इस बात की पुष्टि की थी कि उनके संगठन ने एक राजनीतिक पार्टी बनाने का फैसला किया है.