सीलिंग को रोकने के लिए बीजेपी नेता ने पम मोदी को लिखी चिट्टी

दिल्ली में दिसंबर 2017 से जारी सीलिंग पर अब बीजेपी नेता ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर ना केवल सीलिंग के लिए जिम्मेदार एजेंसियों के बारे में बताया है बल्कि सीलिंग को रोकने के लिए सुझाव भी दिए हैं.

एकीकृत एमसीडी में वर्कर्स कमेटी के चेयरमैन रह चुके जगदीश ममगई ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर बताया है कि दिल्ली में जारी सीलिंग को किस तरह से विपक्षी राजनैतिक दल सियासी रंग देकर इसका फायदा उठाने में लगे हैं. ममगई ने पत्र में बताया कि कैसे दिल्ली के अनियोजित फैलाव और सीलिंग के लिए कांग्रेस की नीतियां जिम्मेदार हैं.

ममगई ने लिखा कि पिछली बार जब सीलिंग शुरू हुई थी तो केन्द्र की कांग्रेस सरकार ने दिल्ली के नियोजित विकास के प्रति गंभीरता दिखाने व सीलिंग से स्थायी समाधान की बजाए 20 मई 2006 को राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली(विशेष प्रावधान) अधिनियम 2006 को एक वर्ष के लिए अधिसूचित कर अस्थायी समाधान दिया.

इसके अलावा ममगई ने बताया कि मास्टर प्लान 2021 में कन्वर्जन चार्ज जमा न करने वालों पर पेनल्टी के रूप में केन्द्र की कांग्रेस सरकार द्वारा 10 गुना की राशि जुर्माने के रूप में थोपना क्या उचित था? जो मझौले व्यापारी आर्थिक दबाब के कारण

उदाहरणार्थ कन्वर्जन चार्ज के दो लाख रुपये जमा न कर सके, उन पर पेनल्टी के 20 लाख रुपये की राशि व ब्याज अतिरिक्त का बोझ डाल दें, तो क्या वह भुगतान कर सकेंगे?

पत्र में ममगई ने कनवर्जन चार्ज की दरों को लेकर भी सवाल उठाया है. ममगई ने लिखा कि पिछली बार जब 2538 सड़कें अधिसूचित हुई थीं, तब कन्वर्जन चार्ज काफी कम और व्यवहारिक था. ए श्रेणी के लिए अधिकतम 6174 रुपये प्रति वर्ग मीटर था लेकिन 10 जुलाई 2012 को तत्कालीन केन्द्र की कांग्रेस सरकार ने 6174 रुपये प्रति वर्ग मीटर से बढ़ाकर इसे 1500 गुना 89,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर क्यों कर दिया. इससे राशि इतनी अधिक हो गई कि भुगतान करना व्यापारियों के लिए काफी मुश्किल हो गया.

पीएम मोदी को सीलिंग से राहत के लिए दिए सुझाव

जगदीश ममगई ने पीएम नरेंद्र मोदी को लिखी चिठ्ठी में दिल्ली में जारी सीलिंग को रोकने के लिए सुझाव भी दिए हैं. जिनमें बताया गया कि दिल्ली की सभी मार्किटों के कन्वर्जन शुल्क कम होने चाहिए. जो व्यवहारिक हों व व्यापारी बिना किसी बोझ के भुगतान कर सकें. मास्टर प्लान 2021 में कन्वर्जन चार्ज जमा न करने वालों पर 10 गुना की पेनल्टी समाप्त कर इसे 10 –20 प्रतिशत किया जाए. डी-सील के लिए आवेदन करने वालों से एक लाख रुपये की राशि जमा कराने की अनिवार्यता समाप्त की जाए. कार्रवाई गलत साबित होने पर संपत्ति धारक को उसके नुकसान का मुआवजा दिया जाए.

दिल्ली में 90 प्रतिशत से अधिक बिल्डिंग अनधिकृत हैं, केन्द्रीय शहरी विकास मंत्रालय व डीडीए द्वारा अधिसूचित 2538 सड़कों पर कार्यरत रिहायशी क्षेत्र के व्यवसायिक प्रतिष्ठान अवैध निर्मित बिल्डिंगों में ही हैं. यदि उनका कन्वर्जन चार्ज जमा हो तो बिल्डिंग और फ्लोर के नक्शे पारित होने व भवन अधिनियम की शर्तें पूरी करने की अनिवार्यता न हो.

लाजपत लगर में हुई पुलिस कार्रवाई पर उठाए सवाल

पीएम मोदी को भेजे पत्र के आखिर में जगदीश ममगई ने लिखा है कि 8 मार्च को सीलिंग के नाम पर लाजपत नगर में दिल्ली पुलिस द्वारा स्थानीय नागरिकों एवं मीडिया फोटोग्राफरों के साथ मारपीट व दुर्व्यवहार पर केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री आदरणीय हरदीप सिंह पुरी द्वारा व्यापारियों को दोषी बताना व बिना जांच के दिल्ली पुलिस को क्लीन चिट देना उचित नहीं है.