कर्नाटक विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने के लिए बीजेपी पूरा जोर लगा रही है. यहां पार्टी ने 16 केंद्रीय मंत्रियों, 24 सांसदों समेत 55 लोगों की एक टीम प्रचार के लिए चुनावी मैदान में उतारी है.
बताया जा रहा है कि गोरखपुर-फूलपुर उपचुनाव में मिली हार के बाद बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कर्नाटक चुनाव की कमान खुद अपने हाथ में ले ली है.
पार्टी सूत्रों का कहना है कि 16 केंद्रीय मंत्रियों को चार-चार विधानसभा सीटों का जिम्मा दिया है. इन नेताओं ने दौरा भी शुरू कर दिया है. इन सभी को मार्च के अंत तक रिपोर्ट पेश करनी है.
राजनीतिक जानकारों का मानना है कि कर्नाटक के प्रदर्शन का असर साल के आखिर में होने वाले मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ के चुनावों पर भी पड़ेगा. यही वजह है कि बीजेपी चुनाव में अपना पूरा जोर लगाएगी.
इसके अलावा आम चुनाव होने की भी चर्चा जोरों पर है. कहा जा रहा है कि पार्टी कर्नाटक के प्रदर्शन पर ही आगे के चुनाव कराने के फैसले पर विचार कर सकती है.
सूत्रों के मुताबिक, जिन मंत्रियों को चुनाव प्रचार में उतारा गया है उनमें जेपी नड्डा, नरेंद्र सिंह तोमर, थावरचंद गहलोत, धर्मेंद्र प्रधान, मनोज सिन्हा, राज्यवर्धन सिंह राठौड़, गजेंद्र सिंह शेखावत, पी.पी. चौधरी, अर्जुन राम मेघवाल, शिव प्रताप शुक्ल, पोन राधाकृष्णन, सत्यपाल सिंह, मनसुख मंडाविया, बीरेंद्र कुमार, सी.आर. चौधरी, डॉ. महेश शर्मा आदि शामिल हैं.
कांग्रेस का लिंगायत कार्ड भी चुनौती…
कर्नाटक विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ही सीएम सिद्धारमैया ने राज्य के लिंगायत-वीरशैव समुदाय की मांग को मानकर उन्हें धार्मिक अल्पसंख्यक का दर्जा दे दिया. इस फैसले के बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई.
कहा तो यह भी जा रहा है यह फैसला राज्य में आगामी विधानसभा चुनावों की दिशा बदल सकता है. ऐसे में बीजेपी के सामने ये सबसे बड़ी चुनौती होगी.