नई दिल्ली – दर्शकों को हँसी के धमाल से रूबरू कराने और सारा दिन उन्हें मस्ती और मनोरंजन से सराबोर करने होम आॅफ ब्लॉकबस्टर्स ज़ी सिनेमा ने रविवार 1 अप्रैल 2018 को ‘फुकरा डे‘ घोषित किया है, क्योंकि इस दिन यह चैनल रात 8 बजे फिल्म ‘फुकरे रिटन्र्स‘ का वल्र्ड टेलीविजन प्रीमियर दिखाने जा रहा है। मृगदीप सिंह लांबा के निर्देशन और फरहान अख्तर एवं रितेश सिधवानी के निर्माण में बनी इस फिल्म में रिचा चड्ढा, पुलकित सम्राट, वरुण शर्मा, अली फजल और मनजोत सिंह ने लीड भूमिकाएं निभाई हैं।
‘फुकरे रिटन्र्स‘ के वल्र्ड टेलीविजन प्रीमियर को प्रमोट करने रिचा चड्ढा और वरुण शर्मा दिल्ली पहुंचे, जहां इस फिल्म की शूटिंग की गई थी। वहां दिल्ली के चिड़ियाघर पहुंचकर उन्होंने ‘बिजली‘ का बर्थडे भी मनाया। बिजली इस फिल्म का वही शेर है, जो 10 करोड़ रुपए का खजाना ढूंढ़ने में फुकरे गैंग की मदद करता है।
अभिनेत्री रिचा चड्ढा कहती हैं, ‘‘मुझे भोली पंजाबन का किरदार निभाते हुए बहुत मजा आया। यह किरदार मेरे व्यक्तित्व से बिल्कुल अलग है और इसी खूबी की वजह से इसने मुझे और ज्यादा उत्साहित कर दिया था। वो एक घायल शेरनी की तरह है। हमने दिल्ली के ज़ू में पहुंचकर बिजली का जन्मदिन भी मनाया। बिजली इस फिल्म में 10 करोड़ रुपए का खजाना ढूंढ़ने में हमारी मदद करती है और इसीलिए उसका हम पर एहसान है। चूंकि मैं दिल्ली से हूं, इसलिए चिड़ियाघर मेरे बचपन की पसंदीदा जगह रही है। मेरा स्कूल भी इससे काफी पास है, इसलिए हम ज्यादातर समय यहां आते रहते थे।‘‘
एक्टर वरुण शर्मा ने कहा, ‘‘आज हम लोग यहां बिजली का बर्थडे मनाने पहुंचे हैं, जिसने हम फुकरों की तकदीर का खजाना ढूंढ़ने में हमारी मदद की थी। यह किसी पुराने दोस्त से मिलने जैसा था। मैं ज़ी सिनेमा की टीम को धन्यवाद देना चाहूंगा कि उन्होंने मुझे और रिचा को यह अनूठा अवसर दिया। इसके पीछे हमारा विचार सिर्फ ‘बिजली‘ का जन्मदिन मनाना नहीं है बल्कि जागरूकता लाना भी है। शेर अब लुप्तप्राय प्रजाति के जीव हो चुके हैं और मैं सभी से यह अपील करना चाहता हूं कि वे जानवरों का शिकार करना बंद करें और प्रकृति को बचाने में अपना अमूल्य योगदान दें।‘‘
बॉक्स ऑफिस पर 100 करोड़ रुपए का बिजनेस करने वाली फिल्म ‘फुकरे रिटन्र्स‘ एक साल बाद वहीं से शुरू होती है, जहां पर पिछली फिल्म खत्म हुई थी। पिछली बार उन्होंने एक जबर्दस्त लड़ाई का मजा लिया था, लेकिन अब उनका अतीत उनके सामने आ गया है जो अब उनके भविष्य की दिशा तय करने वाला है। निर्दयी सूदखोर भोली पंजाबन भी लौट आई है और इन सभी फुकरों को मौत के सफर पर ले जाने को तैयार है। यहां तक कि उन्हें छिपने के लिए दिल्ली जैसा बड़ा शहर भी कम पड़ जाता है। ये लोग इस बात से भी अनजान रहते हैं कि उन्हें एक सरगना अपने जाल में फंसा रहा है और अब एक बार फिर इन फुकरों के सामने भागने की नौबत आ गई है।