राग भैरवी की धुन पर थिरके कदम, मंत्रमुग्ध हुए दर्शक

नई दिल्ली – राजधानी के इंडिया ​हेबिटेट सेंटर के स्टेनिन सभागार में जहां संगीत के सुरें पर ​थिरकते कदम देखकर ऐसा लगा मानो वंसत की मनमोहनी ​ऋतु के अवतरण हो रहा हो जन—जन का
मन लुभाने के लिए। ढलती शाम के साथ संगीत और नृत्य की मधुर तरंगिनी से सजी स्ट्रिंग्स एंड स्टेप्स महोत्सव 2018 में कई मनमोहक प्रस्तुतियां सम्पन्न हुई।
कार्यक्रम का शुभारंभ केन्द्रीय मंत्री रामदास अठावले, भूतपूर्व राज्यपाल छत्तीसगढ शेखर
दत्त, डीसीपी दिल्ली जितेन्द्रमणि त्रिपाठी, डॉ विनय अग्रवाल और संस्था के प्रमुख नील रंजन मुखर्जी के साथ संगीता मजूमदार ने दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया। इसके बाद स्ट्रिंग्स एंड स्टेप्स की छात्राओं ने कत्थक नृत्य से सजी गणेश वंदना की प्रस्तुती दी। इस मोहक प्रस्तुती के बाद संगीता और कुमार प्रदीप्तो के युगल कत्थक नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत की गई । शिवस्तुति ने दर्शकों को तालियां बजाने के लिए बाध्य कर दिया। कत्थक वेशभूषा में दोनों
कलाकारों ने सत्यम, शिवम, सुंदरम की रचना को जीवंत किया। इस नृत्य में उनका साथ दे रहे थे हवाइन गिटार पर नील रंजन मुखर्जी जोकि शास्त्रीय संगीत के ज्ञाता हैं। क्रमश: शिव पार्वती के लास्य और ताडंव नृत्य में दोनों कलाकारों की प्रतिभा के साथ—साथ साजों पर संगत कर रहे, गायन और पढंत कलाकारों को भी खासा योगदान रहा। नर्तकों के आपसी तालमेल, नालिनी निगम का मधुर गायन, मयूख भट्टाचार्य द्वारा पढंत, जुहेब अहमद के तबले की थाप, हिमाशुं दत्त की बांसूरी की धुन और भानू सिसोदिया के पखावज ने कार्यक्रम की
सांस्कृतिक प्रस्तुती के लिहाज से शिखर पहुंचा दिया। कार्यक्रम के अंतिम चरण में देश—विदेश में हंस वीणा के ख्याति प्राप्त वादक बरून कुमार पाल और तबला वादक उस्ताद अकरम खान के साथ राग वसंत की मधुरिम तान छेड़ी। जिसने श्रोतओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम का संचालन राधिका तथा संयोजन रानू मिश्रा और गौरी मिश्रा ने किया। इस मौके पर केन्द्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा नृत्य और संगीत से सजी यह प्रस्तुतियां वास्तव में बहुत सराहनीय हैं। उन्होंने स्ट्रिंग्स एंड स्टेप्स की संगीता मजूमदार की भूरि भूरि प्रशंसा की और कहा कि इस तरह के नृत्य से भारतीय संस्कृति के मानदंडों को बाखूबी स्थापित किया जा सकता है।