ऑनर किलिंग मामले में सुप्रीम कोर्ट आज अपना फैसला सुनाएगा. दरअसल, सुप्रीम यह तय करेगा कि खाप पंचायत व अन्य को लेकर कानून आने तक कोई गाइडलाइन जारी हो या नहीं. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट में ऑनर किलिंग के अलावा भी कई अहम मुद्दों पर सुनवाई होनी है. इनमें 10 मासले खासे चर्चित रहे हैं.
ऑनर किलिंग मामले की सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि ऑनर किलिंग को IPC में हत्या के अपराध के तहत कवर किया जाता है, ऑनर किलिंग को लेकर लॉ कमिशन की सिफारिशों पर विचार हो रहा है. इस संबंध में 23 राज्यों के विचार प्राप्त हो चुके हैं. 6 राज्यों के विचार आने बाकी हैं. इस दौरान सुप्रीम कोर्ट इस संबंध में दिशा निर्देश जारी कर सकती है.
केंद्र ने कहा कि कोर्ट सभी राज्यों को हर जिले में ऑनर किलिंग को रोकने के लिए स्पेशल सेल बनाने के निर्देश जारी करे. अगर कोई युगल शादी करना चाहता है और उसे जान का खतरा है तो राज्य उनके बयान दर्ज कर कार्रवाई करे. केंद्र ने कहा कि वो खाप पंचायत शब्द का इस्तेमाल नहीं करेगा.
अब फेहरिस्त उन मुकदमों की जिनकी सुनवाई सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को करेगा…
हत्या मामले में सिद्धू की याचिका पर सुनवाई सुप्रीम कोर्ट हत्या के एक मामले में पूर्व क्रिकेटर और सांसद नवजोत सिंह सिद्धू की याचिका पर सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई में नवजोत सिंह सिद्धू की तरफ से कहा गया कि वो निर्दोष हैं और उन्हें इस मामले में गलत फंसाया गया है. सिद्धू के वकील ने कहा कि ये मामला किसी को बेरहमी से पीटकर मारने का नहीं है.
सिद्धू के वकील ने कहा कि इस मामले में कई अहम गवाहों के बयान पुलिस ने दर्ज नहीं किये. निचली अदालत का फैसला सही था, निचली अदालत ने सभी पहलुओं को देखने के बाद फैसला दिया था. मेडिकल रिपोर्ट में भी ये बात सामने आई है कि जिस व्यक्ति की मौत हुई उसे बेहद मामूली चोट आई थी.
दरअसल पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू को गैर इरादतन हत्या मामले में पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने दोषी ठहराते हुए 3 साल की सजा सुनाई थी. जिसके खिलाफ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल किया था और कोर्ट ने उनके दोषी ठहराए जाने पर भी रोक लगा दी थी.
सिख विरोधी दंगा मामला
दिल्ली कैंट में सिख विरोधी दंगे के मामले में दोबारा ट्रायल शुरू होगा या नहीं इसको लेकर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी. दरअसल, 1984 के दंगे के पांच मामलों में गवाहों के पेश नहीं होने पर निचली अदालत ने 30 साल पहले आरोपियों को बरी कर दिया था. मामला जब दिल्ली हाईकोर्ट में आया तो कोर्ट ने 11 आरोपियों को नोटिस जारी कर पूछा था कि क्यों न मामले में दोबारा ट्रायल चलाया जाए. दंगे के आरोप से बरी हुए एक पूर्व एमएलए महेंद्र यादव ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.
आधार कार्ड की अनिवार्यता
आधार कार्ड की अनिवार्यता को लेकर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ सुनवाई करेगी. पिछली सुनवाई में UIDAI सीईओ अजय भूषण पांडे ने पावर पॉइंट प्रेजेंटेशन देते हुए सुप्रीम कोर्ट में संविधान पीठ के सामने आधार को सुरक्षित बताया था. आधार पर UIDAI सीईओ अजय भूषण पांडे ने करीब 80 मिनट तक सुप्रीम कोर्ट में प्रेजेंटेशन दिया था. उन्होंने कहा कि आधार का सारा बॉयोमैट्रिक डेटा 2048 bit एनक्रिप्शन से सुरक्षित है.
उन्होंने कोर्ट को बताया था कि देश भर में केंद्रों पर महाशक्तिशाली 6000 सर्वर लगे हैं. इस तरह के अभ्यास का प्रयास इंसान द्वारा कहीं भी नहीं किया गया है. एक एनक्रिप्शन को तोडने के लिए ब्रम्हांड की उम्र लग जाएगी. एक आधार कार्ड का खर्च एक डॉलर से भी कम है. आधार प्रोजेक्ट पर सरकार ने 9 हजार करोड़ रुपये खर्च किए हैं. बायोमैट्रिक सॉफ्टवेयर बाहर से मंगाया गया है लेकिन डेटा कंट्रोल हमारे पास है. आधार के सर्वर इंटरनेट से जुडे नहीं हैं.
फ्लैट खरीदारों की याचिका पर सुनवाई
आम्रपाली ग्रुप के खिलाफ फ्लैट खरीदारों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई में कोर्ट ने फ्लैट खरीदारों को और बिल्डर को आपस में मीटिंग करने को कहा था. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि मीटिंग में जो भी फैसला लिया जाए उसे सील बंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट में दाखिल किया जाए.
बिहार नियोजित शिक्षकों का मामला
बिहार नियोजित शिक्षकों की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकार से गंभीर सवाल किया था. साथ ही सरकार द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट पर असंतुष्टि भी जताई थी. सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार द्वारा नियोजित शिक्षकों के मामले में सौंपे गए रिपोर्ट पर सुनवाई चल रही थी. सुनवाई के दौरान रिपोर्ट देखकर जस्टिस नाखुश हो गए थे. उन्होंने कहा था कि जब एक चपरासी की सैलरी 36 हजार है तो एक शिक्षक की सैलरी 26 हजार क्यों? राज्य सरकार के रिपोर्ट से असंतुष्ट सुप्रीम कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताई है.कमला मिल अग्निकांड
मुंबई के कमला मिल अग्निकांड मामले में दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. दरसअल, मालिक रवि भंडारी ने दिसंबर, 2017 में हुए अग्निकांड के सिलसिले में अपनी गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. पिछली सुनवाई में इस अग्निकांड में 14 लोग मारे गये थे, तब भंडारी की तरफ से कहा गया था कि उनकी गिरफ्तारी अवैध हिरासत है और उनके खिलाफ गैर इरादतन हत्या का आरोप नहीं लग सकता है.
उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट भोपाल गैस त्रासदी और उपहार सिनेमा हॉल अग्निकांड में पहले ही कह चुका है कि यह लापरवाही के मामले हैं और जमानती अपराध हैं. बंबई हाईकोर्ट ने हाल ही में भंडारी की जमानत याचिका खारिज कर दी थी.
स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा
देश भर के स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा के मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट में प्राइवेट स्कूलों के संगठन की तरफ से कहा गया है कि वह भी बच्चों की सुरक्षा के लिए गाइडलाइन देना चाहते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने प्राइवेट स्कूलों के संगठन को दो हफ्ते में हलफनामा दाखिल करने के लिए कहा है.
वहीं, सुप्रीम कोर्ट में यचिकाकर्ता की तरफ से एक अर्जी दाखिल की गई है जिसमें कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान राज्यों के स्कूलों में कई घटनाएं हुई हैं. लिहाजा सुप्रीम कोर्ट इस मामले में कठोर गाइडलाइन बनाए. गुरुग्राम के सोहना के एक स्कूल में छात्र की हत्या के बाद स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा को लेकर गाइडलाइन बनाने के मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट कर रहा है.
असम पंचायत चुनाव
असम में पंचायत चुनावों कर मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि जो भी प्रक्रिया इनको लेकर चल रही है, वो चलती रहेगी. राज्य चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि वो चुनाव कराए. पूरी प्रक्रिया 31 मई तक खत्म हो.
दिल्ली में डेंगू और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट मामला
दिल्ली में डेंगू, चिकनगुनिया और सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट के मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा दाखिल 850 पेज के हलफनामे को कहा कि ये खुद में सॉलिड वेस्ट है और हम कचरा ढोने वाले नहीं है. अगर दिल्ली को सफाई के मामले में रोल मॉडल मानेंगे तो आप गलत है, यहां प्रदूषण को लेकर भयावह हालात है. सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा कि ऐसे ऑफिसर भेजिए जिसको पता हो.
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को कहा कि पिछली मीटिंग की सारी जानकारी कोर्ट के साथ साझा करें. कल तक मिनट ऑफ मीटिंग की जानकारी भी हलफनामे में दें. कोर्ट ने केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार के हलफनामे को स्वीकार करने से इनकार कर दिया. कोर्ट ने कहा कि हम आदेश देते हैं लेकिन कोई उसे लागू नहीं करता.
निर्भया फंड मामला
निर्भया फंड मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार को फटकार लगाई और कहा, आपकी नजर में रेप की कीमत 6500 रुपये है. सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि यौन उत्पीड़न की पीड़ित महिलाओं को केवल 6500 रुपये निर्भया फंड से दिए जा रहे हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इतना कम पैसा यौन उत्पीड़न की पीड़ित महिलाओं को देकर ऐसा लग रहा है कि आप कोई चैरिटी कर रहे हैं. आप ऐसा कैसे कर सकते हैं, आपकी नजर में रेप पीड़ित को मुआवजे में देने के लिए केवल 6 हजार 5 सौ रुपये हैं. सुप्रीम कोर्ट ने मध्यप्रदेश सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि राज्य में 1951 रेप के मामले दर्ज हुए हैं और आप हर पीड़ित को केवल 6 हजार या 6 हजार 500 रुपये दे रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निर्भया फंड में मध्य प्रदेश को सबसे ज्यादा फंड दिया जाता है, उसके बावजूद राज्य सरकार 1951 रेप पीड़ित महिलाओं में केवल 1 करोड़ रुपये मुआवजे का दे सकी.