कैसे कर पाएगी ऑस्ट्रेलियाई टीम भरपाई

बॉल टेंपरिंग विवाद में स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर पर एक साल का प्रतिबंध लग चुका है और अब दोनों ही खिलाड़ी साउथ अफ्रीका दौरे को बीच में छोड़कर वतन लौट चुके हैं. इन दोनों धुरंधर खिलाड़ियों की अनुपस्थिति में ऑस्ट्रेलियाई टीम साउथ अफ्रीका के खिलाफ खेलने भी उतर चुकी है, अब इस टेस्ट मैच का नतीजा क्या होगा यह तो कुछ दिन बाद ही पता चल पाएगा.

मगर कुछ आंकड़ों की मदद से यह जरूर समझा जा सकता है कि पिछले 5 सालों में किस तरह से स्टीव स्मिथ और डेविड वॉर्नर ने ऑस्ट्रेलियाई टीम के जीत में कितना अहम योगदान दिया है.

ऑस्ट्रेलियाई मीडिया द्वारा दिए गए एक आंकड़े के अनुसार पिछले पांच सालों में ऑस्ट्रेलियाई टीम द्वारा बनाए गए कुल रन का 35 फीसदी हिस्सा केवल स्मिथ और वॉर्नर ने बनाए हैं. टेस्ट मैचों में इन दोनों की अहमियत इसी बात से समझी जा सकती है कि पिछले 5 सालों में (साल 2013 से) विश्व क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले में स्मिथ 5940 रनों के साथ पहले नंबर पर हैं, जबकि वॉर्नर 5380 रनों के साथ तीसरे स्थान पर काबिज हैं.

इन दोनों के बीच केवल इंग्लैंड के जो रूट हैं, जो 5659 रन बनाकर दूसरे नंबर पर हैं. सेंचुरी बनाने के मामले में भी इन दोनों बल्लेबाजों का कोई सानी नहीं है, साल 2013 से अबतक सबसे ज्यादा सेंचुरी बनाने के मामले में भी स्मिथ 23 शतकों के साथ नंबर एक पर हैं जबकि वॉर्नर और भारत के विराट कोहली 18 शतकों के साथ दूसरे स्थान पर हैं.

इन दोनों खिलाड़ियों ने साथ मिला कर ऑस्ट्रेलिया की ओर से 41 शतक लगाए हैं जबकि बाकी की टीम 35 शतक ही लगा सकी है. बतौर कप्तान तो स्मिथ के रिकॉर्ड तो और भी शानदार है, स्मिथ ने कप्तान के तौर पर 34 टेस्ट में 70 से अधिक की औसत से 3659 रन बनाए हैं.

इन दोनों खिलाड़ियों का रिकॉर्ड ही कारण है कि ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों को मिलने वाले सबसे बड़े सम्मान एलन बॉर्डर मेडल पर पिछले चार सालों से इन्ही दोनों का कब्जा है. हालांकि टेस्ट क्रिकेट के अलावा वनडे में दोनों बल्लेबाजों का दबदबा रहा है, 2015 से अब तक वनडे क्रिकेट में सबसे ज्यादा रन बनाने वालों में वॉर्नर 2804 रनों के साथ छठे जबकि स्मिथ 2510 रन बना कर 9वें स्थान पर हैं.

इन दोनों खिलाड़ियों के आकंड़े यह बताने के लिए काफी हैं कि कैसे यह दोनों पिछले चार पांच सालों में ऑस्ट्रेलियाई टीम की रीढ़ की हड्डी बन गए थे. ऐसे में इन दोनों खिलाड़ियों की भरपाई कैसे ऑस्ट्रेलियाई टीम कर पाती है, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा.