कानून में बदलाव के खिलाफ 2 अप्रैल को दलित संगठनों ने भारत बंद बुलाया. इस दौरान देश के कई हिस्सों में हिंसा और आगजनी की घटनाएं हुईं. यूपी के मेरठ, मुजफ्फरनगर, हापुड़, आगरा और आजमगढ़ समेत कई जिले भी इसकी चपेट में आए. यहां सबसे ज्यादा संघर्ष पश्चिमी यूपी के मेरठ जिले में सामने आया.
मेरठ में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच जमकर झड़प हुई. पुलिस ने भीड़ पर लाठियां भांजी तो प्रदर्शनकारियों ने भी पलटवार किया और पुलिस पर पत्थरबाजी की. कंकरखेड़ा थाने की शोभापुर चौकी को आग लगा दी गई. तीन सरकारी बसों को आग के हवाले कर दिया. देहरादून-दिल्ली हाईवे पर कई घंटों तक जाम लगा रहा.
इस पूरे संघर्ष के दौरान कई लोग भी घायल हो गए. यहां एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुआ है. जबकि कई पुलिकर्मी भी चोटिल हुए हैं.
मेरठ में अशांति फैलाने के पीछे एक नेता की साजिश का खुलासा हुआ है. मेरठ की एसएसपी मंजिल सैनी ने बताया है कि बीएसपी के पूर्व विधायक योगेश वर्मा इस पूरे तांडव के पीछे हैं. उन्होंने दावा किया कि योगेश वर्मा हिंसा के मुख्य साजिशकर्ता हैं.
हस्तिनापुर से रहे विधायक
योगेश वर्मा मेरठ की हस्तिनापुर से विधायक रहे हैं. 2007 में जब यूपी में मायावती के नेतृत्व में बीएसपी की पूर्ण बहुमत की सरकार बनी थी, तब योगेश वर्मा हस्तिनापुर से विधायक बने थे. हालांकि, मायावती का कहना है कि दलित आंदोलन को कुछ असामाजिक तत्वों ने हाईजैक किया और बदनाम करने की साजिश रची गई. हालांकि, बीएसपी विरोधी नेता योगेश वर्मा का नाम आने के बाद अब मायावती की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं.
योगेश वर्मा पर लगेगी रासुका
फिलहाल, योगेश वर्मा को गिरफ्तार कर लिया गया है. साथ ही 200 से ज्यादा से लोगों को हिरासत में लिया गया है. इनके खिलाफ केस दर्ज किए जा रहे हैं. मंजिल सैनी ने बताया है कि जो भी साजिशकर्ता हैं, उनके खिलाफ रासुका के तहत केस दर्ज किया जाएगा. मेरठ में अभी हालात सामान्य हैं. लेकिन पुलिस-प्रशासन अलर्ट पर है. आज मेरठ और गाजियाबाद के स्कूलों को बंद रखा गया है. साथ ही में दोपहर 2 बजे तक इंटरनेट सेवा बंद रखी गई है. सोशल मीडिया पर भी निगरानी रखी जा रही है.