SC/ST एक्ट में हुए बदलावों को लेकर सोमवार को भारत बंद के दौरान दलित समुदाय का गुस्सा सामने आया. इस हंगामे के बीच केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर पुनर्विचार याचिका डाली थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट तुरंत सुनवाई को तैयार हो गया है. अब इस मामले की सुनवाई खुली अदालत में होगी. इस मामले की सुनवाई आज ही दोपहर दो बजे होगी. चीफ जस्टिस ने इसके लिए जस्टिस आदर्श कुमार गोयल और जस्टिस यूयू ललित की अगुवाई में बेंच का गठन किया है.
अटॉर्नी जनरल ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अभी की परिस्थिति काफी मुश्किल है, ये एक तरह के इमरजेंसी हालात हैं. 10 लोग अभी तक मर चुके हैं, हज़ारों-करोड़ों रुपए की संपत्ति का नुकसान हो गया है. इसलिए केंद्र सरकार की ये अपील है कि इस मामले की सुनवाई जल्द से जल्द होनी चाहिए.
बताया जा रहा है कि अब ये मामला चीफ जस्टिस की बेंच को भेजा जा सकता है. एमिकस क्यूरी अनरेंद्र शरण ने इस बात पर आपत्ति जताई है. शरण का कहना है कि लॉ एंड ऑर्डर की परिस्थिति सुप्रीम कोर्ट के आदेश को बदलने का कारण नहीं हो सकती है. उनका कहना है कि हम अन्य मुद्दों को सुनने के लिए तैयार हैं, लेकिन लॉ एंड ऑर्डर को सही रखना सरकार की जिम्मेदारी है. बता दें कि सोमवार को दलित संगठनों ने SC/ST एक्ट में हुए बदलावों के खिलाफ भारत बंद बुलाया था. इस बीच लगातार बढ़ते दबाव के बीच केंद्र सरकार ने सोमवार को ही रिव्यू पीटीशन डाली थी. अदालत इसपर सुनवाई के लिए तैयार है और खुली अदालत में ये सुनवाई होगी.
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक निर्णय में एससी/एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामले में तुरंत गिरफ्तारी पर रोक लगाने को कहा था. जिसके बाद दलित संगठनों और नेताओं ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया था. आपको बता दें कि इस मुद्दे को लेकर केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान, थावरचंद गहलोत सहित कई सांसदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से भी मुलाकात की थी.
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के विरोध में दलित समुदाय ने दो अप्रैल को भारत बंद बुलाया था. इस दौरान देशभर में हिंसक प्रदर्शन हुए थे. इन प्रदर्शनों में 10 लोगों की मौत हो गई, जबकि हज़ारों-करोड़ रुपए की संपत्ति का नुकसान हो गया है. इस मामले में कई राज्यों की पुलिस ने हज़ारों अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है.