जब एक करोड़पति अपनी तमाम जुगाड़ लगाने के बावजूद भी अपने बच्चे का एडमिशन दिल्ली के जाने-माने संस्कृति स्कूल में नहीं करा पाया तो उसने एडमिशन कराने का एक नायाब तरीका निकाला. वो करोड़पति से अचानक गरीब बन गया. उसके गरीब बनने का ये असर हुआ कि जिस स्कूल में एडमिशन के लिए वो परेशान था उसी स्कूल में उसके बेटे का एडमिशन हो गया.
रुपहले पर्दे पर आई फिल्म हिंदी मीडियम में एक अमीर मां-बाप की जद्दोजहद की वो कहानी है जिसमें वो अपनी बेटी का एडमिशन जानेमाने स्कूलों में कराने के लिए हर पैंतरा अपनाते हैं. डोनेशन से लेकर खुद की और बच्चे की काउंसलिंग के बाद भी जब उन्हें शहर के किसी भी बड़े स्कूल में बेटी के लिए दाखिला नहीं मिलता तो वो गरीब कोटे का सहारा लेते हैं.
गरीब कोटा यानि ईडब्ल्यूएस स्कूलों में गरीब बच्चों के लिए होता है. इस कोटे के जरिए अपनी बेटी का एडमिशन बड़े स्कूल में कराने में कामयाब हो जाते हैं. हालांकि, हिंदी मीडियम फिल्म साल 2017 में रिलीज़ हुई थी, लेकिन दिल्ली में बड़े स्कूल में एडमिशन कराने की जुगाड़ बहुत पुरानी है. फिल्म के रिलीज होने से पांच साल पहले इसकी पटकथा तैयार हो गई थी.
साल 2012 में दिल्ली के एक शख्स ने एडमिशन कराने के लिए न केवल ऐसी फिल्मी स्क्रिप्ट लिख डाली थी बल्कि अपने इस प्लान पर अमलीजामा पहनाते हुए उसने गरीब कोटे में अपने बेटे का एडमिशन दिल्ली के जानेमाने स्कूल संस्कृति में करा भी दिया था. एडमिशन के छह साल बाद खुले राज़ ने अब इस शख्स को सलाखों के पीछे पुहंचा दिया है.
पुलिस ने गौरव गोयल को एडमिशन के लिए फर्जीवाड़े के आरोप में गिरफ्तार किया है. गौरव ने अपने बड़े बेटे का एडमिशन संस्कृति स्कूल में ईडब्ल्यूएस कोटे से कराया था. इसके लिए उसने खुद को गरीब बताया था जिसकी सालाना आमंदनी महज 67000 हजार रुपये है. एडमिशन के वक्त तो गौरव गोयल का फर्जीवाड़ा स्कूल की पकड़ में नहीं आया.
लिहाजा उसके बेटे का एडमिशन संस्कृति स्कूल में हो गया. सबकुछ ठीक चल रहा था. इस बार गौरव ने अपने छोटे बेटे के एडमिशन के लिए संस्कृति स्कूल में फार्म डाला था, लेकिन इस बार उसका पता अलग था लिहाजा गौरव गोयल के उन दस्तावेजों की जांच की गई, जो उसने साल 2012 में अपने बड़े बेटे के एडमिशन के वक्त जमा किए थे.
दोनों दस्तावेजों में फर्क आने पर स्कूल ने इसकी शिकायत चाणक्यपुरी थाने की पुलिस को की और पुलिस ने गौरव गोयल को गिरफ्तार कर लिया. हालांकि पुलिस की गिरफ्त में आने के बाद गौरव सफाई दे रहा है कि उसने स्कूल के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में दो याचिका लगाई थी, जो एडमिशन से ही संबंधित थीं. इससे स्कूल वाले नाराज था.
उसका आरोप है कि एडमिशन में हो रही धांधलियों को छिपाने के लिए ही स्कूल ने उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है. पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोप में गौरव गोयल को गिरफ्तार किया है. इस पूरे मामले की जांच कर रही है. इससे पहले भी दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने एडमिशन रैकेट का खुलासा किया था जिसमें कई लोग जांच के दायरे में आए थे.