हाल ही में सीरिया के डूमा में हुए केमिकल अटैक के बाद अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में हलचल तेज हो गई है. विश्व के दो ताकतवर देश आमने- सामने आ गये हैं, जहां अमेरिका ने आक्रामक रुख अपनाते हुए सीरिया पर हमले की धमकी दी है. वहीं सीरिया के सहयोगी रूस ने अमेरिका के हमले का भी करारा जवाब देने की बात कही है.
केमिकल हमले के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट करके रूस पर सीधा हमला बोला. ट्रंप ने ट्वीट में लिखा, ‘रूस ने अगर सीरिया पर आने वाली हर मिसाइल को रोकने की प्रतिज्ञा ली है, तो रूस तैयार हो जाए. क्योंकि नई और स्मार्ट मिसाइलें जल्द आने वालीं हैं.’ साथ ही ट्रंप ने रूस को कहा है कि ‘तुम्हें उस गैस (रसायन) से लोगों को मारकर खुश होने वाले जानवर का साथ नहीं देना चाहिए.’
ट्रंप पर पलटवार करते हुए रूस ने कहा कि ‘अमेरिका जो भी योजना बना रहा है उससे बचे. ट्रंप के ट्वीट पर तंज कसते हुए रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका द्वारा स्मार्ट मिसाइलें रसायनिक हमले के सबूतों को मिटाने के लिए भी इस्तेमाल की जा सकती हैं.’ उन्होंने कहा कि मिसाइलों का रुख आतंकवादियों की तरफ होना चाहिए ना कि एक कानूनी सरकार पर.
अमेरिका की धमकियों से नहीं डरतेः सीरिया
अमेरिका की हमले की धमकी के बाद, सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद की राजनीतिक एवं मीडिया सलाहकार बौथेना शाबन ने बुधवार को कहा कि ‘हम अमेरिका की हमला करने की धमकियों से नहीं डरते.’
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, शाबन ने एक स्थानीय टेलीविजन को दिए साक्षात्कार में कहा कि अमेरिका की सीरिया पर हमला करने की धमकियां असल में और दबाव बनाने का हथकंडा है. उन्होंने कहा कि हम सहयोगी देशों से इस पर चर्चा कर रहे हैं.
सात सालों से चले आ रहे सीरिया युद्ध में बीते शनिवार को केमिकल अटैक हुआ, जिसमें 70 लोग मारे गये और करीब 500 लोग हमले में इस्तेमाल रसायनों के शिकार हुए हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसकी पुष्टि की है.
सीरिया में केमिकल अटैक को अमेरिका एक चुनौती की तरह ले रहा है और इसके खिलाफ जवाबी हमले की तैयारी कर रहा है. हालांकि सीरियाई सरकार, रूस और सहयोगी संगठन रसायनिक हमले में अपनी भूमिका होने से इनकार कर रहे हैं.
ट्रंप ने अपने सहयोगियों से की बात
रसायनिक हमले के बाद ट्रंप ने अपने सैन्य गठबंधन के साथियों से भी विचार-विमर्श किया है. फ्रांस और ब्रिटिश सरकार ने सीरियाई सरकार के खिलाफ हमला करने में अमेरिका का साथ देने की बात कही है.
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने कहा कि ‘फ्रांस, अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा विचार कर सीरिया में हुए रसायनिक हमले का बहुत जल्द करारा जवाब दिया जाएगा.’
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने तत्काल अपने कैबिनेट की बैठक बुलाई थी, जिसमें लंदन के अमेरिका के साथ सैन्य कार्रवाई में शामिल होने पर चर्चा की गई थी.
ब्रिटिश प्रधानमंत्री संसद की सहमति के बिना ही अमेरिका का सैन्य कार्रवाई में साथ देने के लिए तैयार हो गई हैं. वहीं फ्रांसीसी राष्ट्रपति ने भी अपने संसद में बिना चर्चा किए अमेरिका का साथ देने की घोषणा कर दी है.
संभावित हमले पर जवाबी कार्रवाई के लिए रूस की तैयारी
वहीं पश्चिमी गठबंधन का कड़ा रुख भांपते हुए रूस ने भी हमले के लिए कमर कस ली है. निकट भविष्य में होने वाले हमलों की संभावनाओं के मद्देनजर रूस ने अपने जंगी-जहाजों को सीरियाई बंदरगाह से हटाकर समुद्र में तैनात कर दिया है. रूस ने कहा कि अगर अमेरिका द्वारा कोई मिसाइल हमला किया जाता है तो उसको युद्ध अपराध मान कर जवाब दिया जाएगा.
अमेरिकी प्रशासन में मची है खलबली
माना जा रहा है कि अमेरिका, सीरिया में एक बड़े हमले को अंजाम देने की तैयारी कर रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति ने लैटिन अमेरिका की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा को भी सीरिया की स्थिति पर नजर बनाए रखने के लिए स्थगित कर दिया है.
वहीं अमेरिकी डिफेन्स सेक्रेटरी जेम्स मैटिस ने भी अपनी कैलिफोर्निया यात्रा को सीरिया कार्रवाई को अंजाम देने के लिए स्थगित कर दिया है. अमेरिकी नौ-सेना ने अपने विनाशक जंगी-जहाज यूएसएस डोनाल्ड कुक (USS Donald Cook) को भी भू-मध्य सागर में हमले के लिए तैनात कर दिया है. इन हलचलों को देखते हुए कयास लगाए जा रहे हैं कि अमेरिका वाकई एक बड़ी सैन्य कार्रवाई की तैयारी में है.
थेरेसा मे ने पनडुब्बियों के बेड़े को दिए तैयार रहने के आदेश
डेली टेलीग्राफ के अनुसार ब्रिटिश प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने भी अपनी पनडुब्बियों को सीरिया की मिसाइल रेंज में जाकर हमले के लिए तैयार रहने के आदेश दे दिये हैं.
यूरोपीय एयर-ट्रैफिक कंट्रोल एजेंसी, यूरोकंट्रोल ने भी सभी एयरलाइंस को चेतावनी दी है कि वो पूर्वी भू-मध्य सागर के ऊपर उड़ान भरते वक्त चौकन्ने रहें, क्योंकि सीरिया पर मिसाइल दागे जाने की संभावनाएं हैं. रूस की तरफ से भी अमेरिका को लगातार चेतावनी दी जा रही हैं कि उसके द्वारा लांच की जाने वाली मिसाइलों को हवा में ही ध्वस्त कर दिया जाएगा.
युद्ध अपराध माना जाता है हमले में केमिकल का इस्तेमाल
सीरिया के डूमा शहर में शनिवार को जहरीली गैस से हमले किये जाने का दावा किया गया था, जिसमें कम से कम 70 लोगों की मौत हुई थी. हालांकि, अमेरिका का कहना था कि मरने वालों की संख्या इससे कहीं अधिक हो सकती है.
सीरियन-अमेरिकन मेडिकल सोसाइटी ने बताया था कि पूर्वी गूटा क्षेत्र के डूमा में 500 से अधिक लोगों को स्वास्थ्य केंद्रों पर लाया गया था. जहां उन लोगों को सांस लेने में परेशानी के साथ-साथ त्वचा का रंग नीला पड़ना और मुंह से झाग निकलने जैसी दिक्कतें देखी जा रहीं थीं. जो कि साफ तौर पर रसायनिक हमले के लक्षण हैं.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अनुसार किसी भी कार्रवाई में केमिकल अटैक पर रोक लगाई गई है. इसका इस्तेमाल करना एक युद्ध अपराध माना जाता है. बहरहाल, जब इतने त्वरित रूप से दुनिया की मुख्य शक्तियां एक दूसरे के सामने आ गई हैं तो कहा जा सकता है कि यह निकट भविष्य में एक भयानक युद्ध का रूप भी ले सकता है, शायद विश्व युद्ध भी.