रेलवे स्पोर्ट्स प्रमोशन बोर्ड की सचिव रेखा यादव वर्ष 2014 ग्लासगो कामनवेल्थ खेलो के दौरान महिला कुश्ती की उल्लेखनीय उपलब्धि देख कहा था कि ऐसी चैंपियन महिला पहलवानों को रेल परिवार में नियुक्ति दे कर शामिल किया जाएगा | अर्जुन अवार्डी पहलवान कृपाशंकर बिश्नोई कहते है की उस समय उनके मुँह से निकले ये शब्द महज मजाक लग रहे थे | मजाक समझने का कारण भी था क्युकी रेलवे स्पोर्ट्स प्रमोशन बोर्ड ने महिला पहलवानों को रेलवे में भर्ती हेतु 2003 में सर्कुलर जारी किया था | लेकिन इस बीच कोई भी ऐसा अधिकारी नहीं आया जो महिला कुश्ती की भारतीय रेलवे में सुनिश्चित कर सके | ग्लासगो में रेखा यादव ने महिला पहलवानों को जो वचन दिया भारत आते ही उसे पूरा कर दिया | और बहुत जल्दी उसका नतीजा देखने को मिला | रियो ओलंपिक में मेडल का सूखा दूर करने वाली भारतीय रेलवे की साक्षी मलिक के प्रदर्शन को हर कोई देशवासी जानता है | जो कार्य विगत 11 वर्षो से रेलवे का कोई अधिकारी नहीं कर सका वो कार्य इस अधिकारी ने मात्र 11 दिन में कर दिया | आज भारतीय महिला कुश्ती विश्व पटल पर अपना लोहा मनवा रही है | आज उनके सार्थक सोच व प्रयास से ही देश की अनेक महिला पहलवान अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बेहतरीन प्रदर्शन कर रही है | रेलवे की महिला कुश्ती में किरण, साक्षी, विनेश ललिता, सरिता समेत एक दर्जन से भी ज्यादा महिला पहलवान भारतीय रेल परिवार का हिस्सा है | इसका सपूर्ण श्रेय रेलवे स्पोर्ट्स प्रमोशन बोर्ड की सचिव है रेखा यादव को जाता है |