बाबा बर्फानी के भक्तों के लिए खुशखबरी की खबर है. अब अमरनाथ गुफा में कोई भी श्रद्धालु या व्यक्ति हिम शिवलिंग के सामने खड़ा होकर जयकारा लगा सकता है. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में एनजीटी के आदेश को रद्द कर दिया है.
बीते साल एनजीटी ने अमरनाथ को साइलेंस जोन घोषित करने का आदेश दिया था. इसमें वहां पर शोर मचाना, गर्मी, घंटा बजाने जैसों पर रोक लगा दी थी. इसके पीछे तर्क दिया गया था कि इससे हिम महाशिवलिंग पर असर पड़ता है और जल्दी पिघलने की आशंका बनी रहती है.
एनजीटी ने यह भी स्पष्ट किया था कि पवित्र गुफा की तरफ जाने वाली करीब 30 सीढ़ियों पर यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कोई श्रद्धालु कोई सामान लेकर नहीं जाए क्योंकि यह परंपरा बोर्ड की ही है.
अपना फैसला सुनाते हुए एनजीटी ने तर्क दिया था कि कुछ मंदिरों मे बात करने की मनाही है और वहां पर साइलेंस जोन है, जैसे बहाई मंदिर, तिरुपति और अक्षरधाम में. वहीं अमरनाथ में ध्वनि के कारण लैंडस्लाइड का ख़तरा बढ़ जाता है. ऐसे में एनजीटी के अनुसार पर्यावरण की दृष्टि से बेहद संवेदनशील होने और इलाके में ग्लेशियरों की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए यहां शोर-शराबा नहीं होना चाहिए और यात्रियों की संख्या भी सीमित होनी चाहिए. आपको बता दें कि इससे पहले एनजीटी ने आदेश जारी करते हुए माता वैष्णो देवी में एक दिन में सिर्फ 50 हजार यात्री ही दर्शन करने के निर्देश दिए थे. एनजीटी के आदेश के खिलाफ वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने उच्चतम न्यालय का दरवाजा खटखटाया था. जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने एनजीटी के आदेश पर रोक लगा दी थी.