नई दिल्ली – भारत में कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं और एक अनुमान के मुताबिक 2020 तक 17 लाख नाए मामले जुड़ जाएंगे। सरकारी अस्पतालों में कैंसर के इलाज की सीमित क्षमताएं हैं। इसी तरह, निजी क्षेत्र के प्रीमियर अस्पतालों में इलाज काफी मंहगा है। नतीजतन समाज के कमजोर तबके के हजारों मरीज़ सरकारी अस्पतालों में लंबी प्रतीक्षा सूची और मंहगा इलाज न करा पाने की सामथ्र्य के चलते हर साल इलाज के अभाव में दम तोड़ देते हैं।
उम्मीद डाॅ. मनदीप सिंह की सोच पर आधारित है और इसका लक्ष्य स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच और इसे किफायती बनाने की के मोर्चे पर मौजूद अंतर को खत्म करना है। यह सुनिश्चित करता है कि गुणवत्तायुक्त देखभाल समयबद्ध तरीके से उन मरीजों को मुहैया कराई जाए जिन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है भले ही उनकी वित्तीय स्थिति कुछ भी हो। डाॅ मनदीप सिंह ने लायनेस ललिता रकयान ( प्रोजेक्ट चेयरपर्सन ) जो कि प्रोजेक्ट के लिए धनराशि जुटाने वाली संस्था है, तथा फोर्टिस फ्लाइट लेफ्टिनेंट राजन ढल हाॅस्पिटल, वसंत कुंज और बाला प्रीतम कैंसर केयर हाॅस्पिटल, जो कि बेहद कम खर्च पर मरीज़ों के लिए सर्जरी और इलाज की सुविधाएं जुटाने के लिए आगे आए हैं ।आमतौर पर उम्मीद के अंतर्गत उन मरीज़ों का ही नामांकन किया जाता है जिन्हें एडवांस स्टेज का कैंसर होता है। उम्मीद अपने मौजूदा स्वरूप में, सिर, गर्दन, स्तन और थायराॅयड कैंसर से ग्रस्त मरीज़ों की मदद करता है। डाॅ मनदीप सिंह और डाॅ दीपक झा इस प्रकार के मरीज़ों के इलाज के लिए नवीनतम तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं। उम्मीद ने 60 वीं सर्जरी कर अपने पहले महत्वपूर्ण मुकाम को हासिल कर लिया है जो कि मुफ्त सर्जरी थी और कानपुर के 40 साल के एक मरीज़ पर की गई थी। यह मरीज़ एडवांस् ओरल कैंसर से पीड़ित था जिसने उनकी त्वचा को पूरी तरह से प्रभावित कर दिया था और रेडियोथेरेपी का मरीज़ पर कोई असर नहीं हो रहा है। उन्हें बचाने के लिए उनके चेहरे के बायीं तरफ निचले और ऊपरी जबड़े को पूरा निकालना पड़ा था। इसके बाद उनकी छाती और कंधे से दो फ्लैप (टिशु ) लेकर उनका चेहरा रीकंस्ट्रक्ट किया गया। मरीज़ अब स्वास्थ्यलाभ कर रहा है और रेडिएशन के लिए कानपुर वापस जाने के लिए तैयार है।
समाज के कमजोर तबके के स्तन, थायराॅयड और ओरल कैंसर पीड़ित मरीज़ों के लिए गुणवत्तापूर्ण एवं किफायती कैंसर उपचार सुविधाएं जुटाने पर ध्यान केंद्रित करने वाला उम्मीद जुलाई 2018 में पहला वर्ष पूरा करेगा। उम्मीद के अंतर्गत पंजीकरण कराना बेहद आसान है। सबसे पहले डाॅ मनदीप और टीम द्वारा मरीज़ की जांच की जाती है। फिर उनके इलाज की पूरी योजना उम्मीद को सौंपी जाती है जो कि मरीज़ की आर्थिक स्थिति का मूल्यांकन करने के बाद धनराशि मुहैया कराता है। अधिकांश मरीज़ों की पूरी सहायता की गई है। कुछ जटिल मामलों में जिनमें मरीज़ों के इलाज के तहत् जटिल सर्जरी और इसके उपरांत गहन देखभाल की जरूरत होती है, 3 से 4 लाख रु की राशि उपलब्ध करायी गई है।
डाॅ. मनदीप के मुताबिक, ’’इस प्रयास के माध्यम से मैं अपनी सेवाएं उन लोगों तक पहुंचाने में सक्षम हुआ हैं जिन्हें जरूर है। हमारे पास उम्मीद को एक सफल अभियान बनाने के लिए पूरे देश से सहयोग मिला है। एक ओर फोर्टिस वसंत कुंज और बाला प्रीतम कैंसर केयर सर्जिकल सहायता मुहैया कराते हैं वहीं हमें जेके कैंसर इंस्टीट्यूट, कानपुर के ओंकोलाॅजी विभाग तथा एएमयू से रेडिएशन में सहायता मिल रही है और एएमयू के आॅन्कोलाॅजी विभाग से मिल रही है।
लाॅयनेस ललिता राकयान (प्रोजेक्ट चेयरपर्सन), लाॅयनेस डिस्ट्रिक्ट 321 ए2 ने कहा, ’’उम्मीद गुणवत्तायुक्त और किफायती कैंसर केयर के लिए एक प्रयास है।
संदीप गुडुरु, फेसिलिटी डायरेक्टर, फोर्टिस वसंत कुंज ने कहा, ’’ फोर्टिस फ्लाइट लेफ्टिनेंट राजन ढल हाॅस्पिटल, वसंत कुंज में हम एक ऐसे कार्यक्रम का हिस्सा बनने को लेकर बेहद गर्व महसूस कर रहे हैं जो इस प्रकार की खतरनाक बीमारियों का उपचार समाज के पिछड़े तबकों तक पहुंचा रहा है। हम उम्मीद प्रयास के अंतर्गत की जाने वाली सर्जरियों पर 40 से अधिक सब्सिडी मुहैया कराते हैं।