राष्ट्रीय राजधानी में ‘पिंक टाॅयलेट’ का उद्घाटन महिलाओं और किशोरावस्था की लड़कियों के लिए स्मार्ट टाॅयलेट की बेहतर बुनियादी व्यवस्था

नई दिल्ली  – राष्ट्रीय बाल अधिकार सुरक्षा आयोग ( एनसीपीसीआर ) , दक्षिण दिल्ली नगर निगम , दिल्ली बाल अधिकार सुरक्षा आयोग  और महिला एवं बाल विकास विभाग (डीडब्ल्यूसीडी) समेत विभिन्न सरकारी संगठनों के एकजुट प्रयास से पीवीआर काॅम्प्लेक्स के आसपास ‘पिंक टाॅयलेट’ बनाने की मुहिम शुरू की गई है। सभी भागीदारों ने इसमें समय देने और निवेश करने की प्रतिबद्धता दिखाई है। पिंक टाॅयलेट की देखरेख में भागीदार पीवीआर नेस्ट है।
इस भागीदारी का लक्ष्य विकासपुरी, अनुपम काॅम्प्लेक्स और वसंत विहार के पीवीआर काॅम्प्लेक्स के आसपास तीन ‘पिंक टाॅयलेट’ का निर्माण एवं प्रबंधन है। टाॅयलेट कम्पाउंड का उद्घाटन  नई दिल्ली स्थित पीवीआर अनुपम में किया गया।
महिलाओं और लड़कियों के लिए स्वच्छ सार्वजनिक विश्राम केंद्र बनाने की दिशा में यह बड़ी पहल है। माहवारी में स्वच्छता को बढ़ावा देने में सहायक पिंक टाॅयलेट में सैनीटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन और इनसिनरेटर (बेकार कपडो को सुरक्षित जलाने की मशीन) और स्तनपान कराने की विशेष सुविधा भी होगी। पिंक महिलाओं का विशेष रंग है इसलिए इसलिए पिंक टाॅयलेट का नाम दिया गया है। महिलाओं और बच्चों के लिए स्मार्ट टाॅयलेट बनाने की इस पहल से स्वच्छता और स्वास्थ्य संबंधी उनकी चिंताएं कम होंगी। साथ ही, इससे प्रधानमंत्री  नरेंद्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को सफल बनाना आसान होगा। भारत एक साफ और स्वच्छ देश बनेगा।
पिंक टाॅयलेट मिशन के परिणाम को लेकर उत्साहित एसडीएमसी की कमलजीत शेहरावत ने कहा, ‘प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के स्वप्न के साथ, हम राष्ट्रीय राजधानी में स्वच्छता और साफ-सफाई में सुधार लाने को कृतसंकल्प हैं और इसके लिए सभी संभव प्रयास कर रहे हैं। राजधानी शहर में रोज आने वाली महिलाओं व लड़कियों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर, यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि सैनिटरी नैपकिन और उनके सुरक्षित निपटान की सुविधाओं से युक्त साफ-सुथरे शौचालय सुलभ कराना कोई चुनौती नहीं हो। एनसीपीसीआर, डीसीपीसीआर, डीडब्ल्यूसीडी और पीवीआर नेस्ट जैसे संगठन के साथ हम इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि हम अपना लक्ष्य पूरा करेंगे।’’
एनसीपीसीआर की अध्यक्ष स्तुति कैकड़ ने कहा, ‘‘भारत में शौचालय की आधारभूत संरचना और स्वच्छता अभियान को आगे बढ़ाने की मौजूदा तेजी के साथ, महिलाओं और किशोर लड़कियों के लिए साफ-सफाई और स्वास्थ्य की स्थिति में सुधार लाने हेतु स्वच्छ शौचालय के लिए जमीन मुहैया कराना जरूरी है। इस प्रयास से न केवल इन इनसिनरेटर के जरिये निपटान के लिए पर्दा और सुविधा मिलेगी, जो निहायत जरूरी है, बल्कि खुले में शौच का चलन भी खत्म होगा और महिलाओं व लड़कियों को अधिक से अधिक सुरक्षा मिलेगी। इस पहल के लिए उन्होंने एनसीपीसीआर की सदस्य रूपा कपूर को बधाई देते हुए इस मुहिम में एकजुटता दिखाने के लिए सभी साझेदारों का आभार व्यक्त किया।’’

इस अवसर पर स्मार्ट शौचालयों (डीसीपीसीआर) की जरूरत को अहम् बताते हुए डीसीपीसीआर के अध्यक्ष श्री रमेश नेगी ने कहा, ‘‘डीसीपीसीआर यौन दुव्र्यवहार, जरूरतमंद बच्चों की देखभाल और उनकी सुरक्षा, बच्चे-बच्चियों की तस्करी की रोकथाम, माहवारी के दिनों साफ-सफाई आदि पर सक्रियतापूर्वक और प्रभावकारी ढंग से नजर रखे हुए है। इसमें कोई संदेह नहीं कि शौचालय इतिहास में महिला सशक्तीकरण के शक्तिशाली साधनों में से एक हैं। साफ-सुथरे और स्वस्थ समाजों के लिए शौचालय अनिवार्य हैं और भारत के सामाजिक व आर्थिक विकास में सहायता करते हैं।’’
पीवीआर लि. की सीनियर वाइस प्रेसिडेंट  दीपा मेनन कहा, ‘‘हमें गर्व है कि हमें ‘पिंक टाॅयलेट’ की इस पहल में एनसीपीसीआर, एसडीएमसी, डीसीपीसीआर और डीडब्ल्यूसीडी से जुड़ने का मौका मिला। नए शौचालयों के निर्माण के साथ-साथ साफ-सफाई की समस्या पर ध्यान रखने के लिए हम उनकी सराहना करते हैं। शौचालयों का रखरखाव और किशोरियों, उनके परिवारों तथा समुदायों के बीच जागरूकता पैदा करना समान रूप से महत्वपूर्ण कार्य हैं, जिनसे इस कार्यक्रम को लंबे समय तक स्थायी बनाए रखने व ‘स्वच्छ भारत’ अभियान के तहत व्यवहार में बदलाव लाने में सहयोग करने में सहायता मिलेगी। ये प्रयास दर्शाते हैं कि दिन-रात काम करते हुए साफ-सफाई की आधारभूत संरचना में मौजूद त्रुटियों को दूर करने के प्रति संगठन कितने इच्छुक हैं।

केवल महिलाओं और लड़कियों के लिए स्मार्ट टाॅयलेट कम्पाउंड बनाना एक अद्भुत और अनुकरणीय प्रयास है और बड़ी बात यह भी कि कम्पाउंड में सैनीटरी नैपकिन वेंडिंग मशीन और इनसिनरेटर भी हैं। सभी भागीदारों की विशेषज्ञता के आधार पर इस पहल में उनका सहयोग और समर्थन लिया गया है। एसडीएमसी का काम इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करना/ टाॅयलेट का फैब्रिकेशन एवं पुनर्निर्माण करना और सनैनिटरी वेंडिंग मशीन (यदि हो), इनसिनरेटर, टिश्यू पेपर, हैंड वाॅश सुविधा जैसे संसाधनों का प्रबंधन करना और लोगों का फीडबैक लेना है। एनसीपीसीआर कांसेप्ट पार्टनर है जो इस पहल को स्वीकृति और समर्थन देता है। डीसीपीसीआर और डीडब्ल्यूसीडी नाॅलेज पार्टनर हैं जो आसपास के वंचित क्षेत्रों और समुदायों के लोगों तक आंगनबाड़ी के माध्यम से पहंुचेंगे। पीवीआर नेस्ट खुद के मानव संसाधन के बल पर पूरे एक साल तक इन महत्वपूर्ण सार्वजनिक स्थानों की देखभाल करेगा और सभी सुविधाओं को सुचारु रखेगा।

  इससे पहले 12 अक्तूबर 2017 को अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर एनसीपीसीआर और दक्षिण दिल्ली नगर निगम ने राजधानी के विकासपुरी क्षेत्र में पहले पिंक टाॅयलेट का उद्घाटन किया।