भारत के ई-कॉमर्स मार्केट के सबसे बड़े प्लेयर फ्लिपकार्ट को खरीदने की होड़ मची है. जानकारों का दावा है कि फ्लिपकार्ट में खरीदने में अमेरिका का सबसे बड़ा रीटेल ग्रुप वॉलमार्ट लगभग सफल हो चुका है वहीं इस डील के इतर अमेरिका के सबसे बड़े ई-रीटेलर अमेजन ने भी फ्लिपकार्ट पर कब्जा कायम करने के लिए 60 फीसदी शेयर खरीदने का प्रस्ताव सामने किया है.
फ्लिपकार्ट सेल: वॉलमार्ट को 55 फीसदी और अमेजन 60 फीसदी शेयर चाहिए
वॉलमार्ट दुनिया के सबसे बड़े मुक्त बाजार भारत में ई-रिटेल दिग्गज फ्लिपकार्ट की 55 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने का प्रस्ताव दिया है. इस डील के बाद वॉलमार्ट अमेरिका में अमेजन के हाथों मिली मात की भरपाई करने की कोशिश कर रहा है. इस डील के हो जाने के बाद वह दुनिया के एक बड़े बाजार पर अपना कब्जा कायम कर लेगा.
इस डील को रोकने के लिए बुधवार अमेजन की तरफ से फ्लिपकार्ट की बढ़कर बोली लगाई गई है. अमेजन ने प्रस्ताव दिया है कि वह वॉलमार्ट के 55 फीसदी शेयर खरीदने के प्रस्ताव पर खुद 60 फीसदी तक शेयर खरीदना चाहता है.
जापान की कोशिश, न होने पाए फ्लिपकार्ट-वॉलमार्ट डील?
गौरतलब है कि मौजूदा समय में जापान की सॉफ्टबैंक फ्लिपकार्ट में सबसे बड़ा निवेशक है. जापानी कंपनी ने भी फ्लिपकार्ट पर अपनी पकड़ बनाने की संभावनाओं को अभी खत्म नहीं किया है. सॉफ्टबैंक ने फ्लिपकार्ट में 4 बिलियन डॉलर अतिरिक्त का निवेश करने का प्रस्ताव सामने किया है यदि फ्लिपकार्ट के शेयर होल्डर्स वॉलमार्ट के साथ डील की जगह अमेजन से मर्जर डील को तरजीह देता है.
अमेरिकी दिग्गज वॉलमार्ट ने इस डील के लिए भारतीय कंपनी फ्लिपकार्ट का 20 बिलियन डॉलर का आंकलन किया है जो कि अमेजन द्वारा किए गए आंकलन से अधिक है. हालांकि जापानी कंपनी सॉफ्टबैंक ने फ्लिपकार्ट पर अमेजन से डील करने पर दबाव बना रखा है.
फ्लिपकार्ट शेयर होल्डर्स को वॉलमार्ट से फायदा?
टीओआई द्वारा प्रकाशित खबर के मुताबिक फ्लिपकार्ट के शेयरहोल्डर्स को वॉलमार्ट की डील इसलिए फायदेमंद लग रही है क्योंकि उन्हें डर है कि अमेजन के साथ डील का मामला प्रतियोगिता आयोग के सामने कमजोर पड़ सकता है. वहीं जानकारों का यह भी दावा है कि अमेजन-फ्लिपकार्ट डील देश के कई क्षेत्रों के कारोबारियों को भी रास नहीं आ रहा है.
मामले के जानकारों का यह भी दावा है कि फ्लिपकार्ट के शेयर होल्डर्स को अमेजन के मुकाबले वॉलमार्ट से डील इसलिए भी फायदे का सौदा लग रहा है क्योंकि वॉलमार्ट डील से उन्हें उनके शेयर के बदले कैश मिल जाएगा वहीं अमेजन डीन में उन्हें सिर्फ शेयर स्वैप करने का मौका मिलेगा.
क्या भारतीय ई-रीटेल मार्केट में कायम होगा जापान का दबदबा?
गौरतलब है कि अभी एक साल पहले ही जापानी कंपनी सॉफ्टबैंक ने फ्लिपकार्ट में 2.5 बिलियन डॉलर का निवेश किया था. इस निवेश के बाद अब सॉफ्टबैंक भारतीय बाजार में पकड़ बनाने के लिए 4 बिलियन अतिरिक्त का निवेश करने के लिए तैयार है बशर्ते फ्लिपकार्य वॉलमार्ट की जगह अमेजन के साथ डील करे.