लैंडफिल साइट्स को लेकर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने कपिल मिश्रा, डीडीए और ईस्ट एमसीडी से जवाब मांगकर पूछा है कि दिल्ली मे लैंडफिल साइट्स से जुड़े कितने मामले कोर्ट में चल रहे हैं, और उनमें अब तक कोर्ट के क्या-क्या आदेश रहे हैं क्योंकि कपिल का कहना है कि प्रिंसिपल कमेटी इसी जमीन को कई बार लैंडफिल साइट्स बनाने के लिए रिजेक्ट कर चुकी है.
हालांकि डीडीए की तरफ से सुनवाई के दौरान एनजीटी ने कहा कि इस मामले मे कल यानी 4 मई को सुनवाई होनी है, लिहाजा अभी इस पर कोई आदेश कोर्ट न दे, कोर्ट ने पूछा कि क्या ये लैंडफिल साइट्स फ्लड प्लैन पर बनाया जा रहा है, डीडीए ने कोर्ट को बताया कि ये फ्लड प्लैन पर नहीं है. अगली सुनवाई अब 21 मई को होनी है.
दिल्ली में लैंडफिल साइट्स को लेकर एनजीटी कोर्ट में भी घमासान मचता नजर आया. दरसअल पिछले महीने डीडीए ईस्ट एमसीडी को सोनिया बिहार और गौंडा गुर्जन को लैंडफिल साइट्स के लिए करीब 130 एकड़ जमीन देने को तैयार हो गया था और इसकी जानकारी डीडीए ने एनजीटी को भी दे दी थी.
हालांकि कपिल मिश्रा ने ये कहकर एनजीटी इसके खिलाफ हस्तक्षेप की अर्जी लगा दी कि ये इलाका यमुना का फ्लड प्लैन है यहां लैंडफिल नहीं बनाया जा सकता.
साथ ही केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड की उस सर्वे रिपोर्ट का भी विरोध कर रहे है जिसमें बोर्ड ने लैंडफिल साइट्स बनाने के लिए हरी झंडी दे दी है. आम आदमी पार्टी ने भी लैंडफिल साइट्स को बनाने का विरोध करते हुए अर्जी लगा दी है.