कनार्टक के चुनाव प्रचार अभियान का पारा पूरे चरम पर है. बीजेपी की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तो कांग्रेस की तरफ से राहुल गांधी अपने दलों की कमान संभाले हुए हैं. गुरुवार को दोनों ने हैदराबाद कर्नाटक क्षेत्र में कई रैलियों को संबोधित किया. यह कर्नाटक का पूर्वोत्तर इलाका है जो 23 फीसदी क्षेत्र में फैला है और इसमें 40 विधानसभा सीटें आती हैं.
दोनों नेता एक-दूसरे पर शब्द बाण छोड़ने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे. राहुल गांधी ने गुरुवार को कर्नाटक में चार रैलियों को संबोधित किया. औरद, भाल्की, हुमनाबाद और बीदर में. सभी हैदराबाद कर्नाटक इलाके के बीदर जिले में आते हैं. पीएम मोदी ने तीन रैलियों को संबोधित किया गुलबर्गा में कलबुर्गी, बल्लारी (दोनों हैदराबाद कर्नाटक में) और उत्तर बेंगलुरु. हैदराबाद-कर्नाटक नाम पूर्वोत्तर कर्नाटक के उन इलाकों को दिया गया है जिसमें पूर्ववर्ती हैदराबाद राज्य के कन्नड़ भाषी लोग रहते थे.
आइए जानते हैं कि दोनों नेताओं ने एक-दूसरे के बारे में क्या कहा और कौन, कितना सफल रहा…
विचारधारा बनाम प्रदर्शन
राहुल गांधी: यह चुनाव दो विचारधाराओं के बीच की लड़ाई है. एक तरफ कांग्रेस है जिसकी विचारधारा एकता, करुणा और समावेशी कर्नाटक की है, तो दूसरी तरफ, बीजेपी-आरएसएस हैं, जिनकी विचारधारा घृणा और विभाजन की है. बीजेपी-आरएसएस को कर्नाटक की जनता की आकांक्षा की परवाह नहीं है, यह केवल कर्नाटक के लोगों की आकांक्षाओं का विभाजन करना जानती है, यह केवल चुनाव जीनते के लिए लोगों का धु्वीकरण करना जानती है.
नरेंद्र मोदी: पिछले पांच साल से कर्नाटक सरकार सोई हुई है और उनकी जड़ता की वजह से राज्य प्रभावित हो रहा है. किसान परेशान हैं, कपड़ा, एमएसएमई सेक्टर को सहयोग नहीं मिल रहा और भ्रष्टाचार चरम पर है. इसलिए अचरज की बात नहीं कि लोग कांग्रेस को खारिज करने को तैयार बैठे हैं.
हमारी राय: राहुल गांधी ने दिन की शुरुआत बीजेपी पर यह आरोप लगाते हुए कि वह ध्रुवीकरण की राजनीति कर रही है. यह बीजेपी पर कांग्रेस नेताओं का पुराना आरोप है. नरेंद्र मोदी ने इसके जवाब में कांग्रेस सरकार के कर्नाटक में प्रदर्शन पर सवाल खड़ा किया.
व्यक्तिगत हमला बनाम सम्मान
राहुल गांधी: पीएम मोदी जब अधीर हो जाते हैं तो व्यक्तिगत हमले और चरित्र हनन पर उतर आते हैं. मैं कभी व्यक्तिगत हमले नहीं करता. इसकी जगह मैं सवाल करता हूं, इन सवालों का पीएम मोदी कभी जवाब नहीं देते. पीएम मोदी कर्नाटक के बारे में कुछ नहीं कहते और राज्य के लोगों के लिए उनके पास कोई योजना नहीं है.
नरेंद्र मोदी: कांग्रेस हमारे बलिदान देने वाले सैनिकों का भी सम्मान नहीं करती. जब हमारे सैनिकों ने सर्जिकल स्ट्राइक किया, तो बेशर्म कांग्रेस पार्टी ने सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल उठाए. उन्होंने इसका प्रमाण मांगा. क्या कांग्रेस चाहती है कि हमारे जवान कैमरा और बंदूक लेकर जाएं!
हमारी राय: राहुल गांधी जब अपने को राजनीति का ‘अच्छा लड़का’ दिखाते हुए पीएम मोदी के प्रचार शैली पर सीधे हमला कर रहे होते हैं, तब वह अपनी सर्वश्रेष्ठ वाक कला का प्रदर्शन करते हैं. इसके जवाब में नरेंद्र मोदी सर्जिकल स्ट्राइक के प्रेत को सामने ला देते हैं जो हमारे जवानों ने 2016 में नियंत्रण रेखा के पार जाकर किया था.
भ्रष्टाचार का इंद्रधनुष
राहुल गांधी: फिल्म शोले में गब्बर सिंह था. आप गब्बर सिंह टैक्स (जीएसटी का मजाक) लेकर आए, लेकिन इस बार तो आप उससे भी आगे निकल गए. आपने गब्बर सिंह के पूरे गैंग को लगा दिया. वहां गब्बर का गैंग था तो यहां रेड्डी ब्रदर्स का गैंग है, जो कि जेल में बंद था. आप उनको विधानसभा में लाने की तैयारी कर रहे हैं, और आप देश को बता रहे हैं कि आप भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे हैं. पीएम मोदी येदियुरप्पा के साथ मंच पर बैठ कर ही भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलते हैं.
नरेंद्र मोदी: बल्लारी (पूर्व नाम बेल्लारी) की जनता को उन लोगों को सबक सिखाना चाहिए जो कि बल्लारी की छवि को खराब कर रहे हैं (खनन घोटाले के आरोपी बीजेपी के रेड्डी बंधु इसी इलाके में रहते हैं). अपने राजनीतिक स्वार्थवश कांग्रेस ने बल्लारी का असम्मान किया है.
हमारी राय: देश के दो दिग्गज दलों के दो शीर्ष नेता जब एक-दूसरे पर भ्रष्टाचार के मसले पर हमला करते हैं तो टीवी का वह पुराना विज्ञापन याद आता है, जिसमें एक व्यक्ति, दूसरे से कहता है, ‘तेरी कमीज मेरी कमीज से सफेद कैसे?’
वादे तेरे वादे
राहुल गांधी: अपनी कल्याणकारी योजनाओं की वजह से कर्नाटक दूसरे राज्यों के लिए उदाहरण पेश कर रहा है. हमने साल 2013 में किए गए वादों में से 90 फीसदी से ज्यादा पूरे किए हैं. हम बासवन्ना के सिद्धांत का पालन करते हैं. इस मंच जो भी वायदे होंगे,, सब पूरे किए जाएंगे. कांग्रेस अपने वादों को पूरा करती है, जबकि पीएम मोदी इसकी क्रेडिट ले रहे हैं.
नरेंद्र मोदी: पिछले चुनाव में कांग्रेस ने मल्लिकार्जुन खड़गे को मुख्यमंत्री बनाने का वादा किया था. उन्होंने दलित समुदाय को गुमराह किया है. उन्होंने खड़गे को किनारे कर दिया. कांग्रेस ऐसी ही राजनीति करती है. कलबुर्गी इलाका दाल के पैदावार के लिए जाना जाता है. यहां के किसानों को केंद्र की योजनाओं का फायदा मिल रहा है, लेकिन कर्नाटक सरकार उनके हालात को लेकर असंवेदनशील है.
हमारी राय: किसी भी पार्टी ने मेनिफेस्टो में दिए अपने सभी वादों को पूरा नहीं किया है. इसलिए पीएम मोदी और राहुल गांधी दोनों कर्नाटक सरकार के प्रदर्शन के मामले में अपनी सुविधा के मुताबिक सच बोल रहे हैं. इस पर अंतिम निर्णय तो 12 मई को कर्नाटक की जनता करेगी.
महिला सुरक्षा
राहुल गांधी: ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ पहल का नाम बदलकर ‘बेटी बचाओ बीजेपी के एमएलए से’ कर देना चाहिए. केवल भाषण न दें, कुछ ऐसा कहें जिसमें वजन हो.
नरेंद्र मोदी: यह चुनाव कर्नाटक का भविष्य तय करेगा. यह न सोचें कि यह सिर्फ विधायकों के चुनाव के लिए है. यह महिलाओं की सुरक्षा और किसानों की भलाई के लिए है.
हमारी राय: महिला सुरक्षा का मसला पूरे देश के लिए चिंता का विषय है. बीजेपी शासित राज्यों से लेकर वामपंथ शासित केरल और कांग्रेस शासित कर्नाटक तक हर जगह लड़कियों, महिलाओं के साथ अपराध होते हैं. सभी राजनीतिक दलों को इसके लिए काम करना होगा.