ईस्टर्न एक्सप्रेस-वे के उद्घाटन में हो रही देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि अगर एक्सप्रेस-वे तैयार है तो उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री का इंतजार क्यों किया जा रहा है. कोर्ट ने कहा है कि अगर इस महीने के आखिर तक उद्घाटन नहीं होता है, तो 1 जून से इसे जनता के लिए खोल दिया जाए.
मामले की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उदाहरण भी दिया. शीर्ष कोर्ट ने कहा कि मेघालय कोर्ट पिछले पांच साल से काम कर रहा है, लेकिन आजतक उसका उद्घाटन नहीं हुआ है. आपको बता दें कि ये ईस्टर्न एक्सप्रेस-वे 135 किलोमीटर लंबा है.
सुनवाई में NHAI ने बताया कि हमने उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री से कहा है. इस पर कोर्ट ने कहा कि अगर वो नहीं करते हैं तो आप क्यों नहीं कर देते, मेहनत तो आप लोगों की है. पिछली सुनवाई में आपने कहा था कि अप्रैल में उद्घाटन होगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
दूसरी ओर वेस्टर्न एक्सप्रेस-वे के मुद्दे पर हरियाणा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि इस एक्सप्रेस-वे का 81 फीसदी काम पूरा हो चुका है, जबकि डेडलाइन फरवरी 2019 की है. हम ये काम जून 2018 तक पूरा कर लेंगे. कोर्ट ने कहा है कि इस काम में देरी जनता के लिए अच्छी नहीं होगी.
गौरतलब है कि कुंडली से पलवल तक गाजियाबाद के रास्ते जाने वाला ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे 135 किलो मीटर लंबा है. इस एक्सप्रेस-वे से सफर की दूरी काफी कम हो जाएगी और सफर का समय भी लगभग आधा हो जाएगा.
ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर सात इंटरचेंज मौजूद हैं, जिससे एक से दूसरे शहर तक जा सकते हैं. पहले 29 अप्रैल को इसका उद्घाटन होने वाला था, लेकिन अब इसकी तारीख बढ़ा दी गई है.
पीएम मोदी 26 मई को भारत के पहले 14 लेन के दिल्ली मेरठ एक्सप्रेस-वे के पहले चरण का उद्घाटन एक रोड शो के जरिए करेंगे. दिल्ली मेरठ हाइवे का पहला चरण निजामुद्दीन से यूपी गेट तक हैं.