Himanshu Roy के नाम से कांपते थे आतंकी

सुपर पुलिस कहे जाने वाले आईपीएस अफसर हिमांशु रॉय ने मुंबई में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली. वे महाराष्ट्र पुलिस में जॉइंट कमिश्नर पद पर तैनात थे. उनके पास एंटी टेरेरिस्ट स्क्वाड का भी पदभार था. कुछ समय पहले उनको कैंसर हुआ था. कहा जा रहा है कि बीमारी से परेशान होकर उन्होंने आत्महत्या का कदम उठाया. रॉय 1988 कैडर के आईपीएस अफसर थे. 2013 में उन्होंने आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग मामले में विंदु दारा सिंह को अरेस्ट किया था. इसके अलावा दाऊद के भाई इकबाल कासकर के ड्राइवर आरिफ के गोलीबारी मामला, जे डे मर्डर केस, विजय पालांडे, लैला खान डबल मर्डर केस मामले में उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी आईपीएस बनने के बाद उनके करियर की शुरुआत नासिक से हुई. वे नासिक के सबसे युवा एसपी बने. बाद में अहमदनगर में एसपी, फिर डीसीपी इकॉनोमिक विंग, डीसीपी ट्रैफिक, नासिक कमिश्मर पद पर वे रह चुके हैं. फिर 2009 में वे मुंबई एडिशनल कमिश्नर पद पर तैनात हुए. सायबर सेल, महाराष्ट्र एटीएस जैसे डिपार्टमेंट का भी उन्होंने बखूभी लीड किया. बताया जाता है जब उनके हाथ एंटी टेरेरिस्ट स्क्वाड की कमान आई तो उन्होंने कई आतंकी संगठनों के राजों को खोला. आलम यह था कि उनके नाम से ही जेल में बंद आतंकी कांप उठते थे. मुंबई हमले के बाद उन्होंने एक टीवी इंटरव्यू में कहा था कि मेरे रहते हुए मुंबई को हाथ लगाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है.