सुनंदा पुष्कर केस में करीब 4 साल बाद दिल्ली पुलिस ने पटियाला हाउस कोर्ट में चार्जशीट पेश की है. पुलिस ने सुनंदा के पति कांग्रेस नेता शशि थरूर तो संदिग्ध आरोपी माना है. वह इस चार्जशीट में अकेले आरोपी हैं. पुलिस ने कोर्ट में 3000 पेज की चार्जशीट पेश की है. आईपीसी की धारा 306 और 498A के तहत चार्जशीट पेश की गई है.
जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस नेता शशि थरूर की मुश्किलें अब बढ़ सकती हैं. दिल्ली पुलिस द्वारा दाखिल चार्जशीट में उनको संदिग्ध आरोपी माना गया है. पटियाला हाउस कोर्ट 24 मई को इस चार्जशीट पर संज्ञान लेगा. इसी दिन कोर्ट शशि थरूर को समन भी कर सकता है. वहीं, इस चार्जशीट को शशी थरूर ने अकल्पनीय बताया है.उन्होंने ट्विटर पर आगे लिखा है…बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि इस केस से जुड़े सभी गवाहों और दस्तावेजों को यूपीए सरकार और भ्रष्ट पुलिस ने नष्ट कर दिया था. वर्तमान साक्ष्य के आधार पर चार्जशीट दाखिल हुई है. ट्रायल के दौरान अधिक सूचनाएं सामने आएंगी. शशि थरूर पर आरोप है कि उन्होंने अपनी पत्नी को आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया था.
बताते चलें कि 17 जनवरी, 2014 की रात दिल्ली के एक 5 स्टार होटल के कमरे में कांग्रेस नेता और सांसद शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर (51) मृत मिली थीं. कथित तौर पर इससे एक दिन पहले सुनंदा और पाकिस्तानी पत्रकार मेहर तरार के बीच ट्विटर पर बहस हुई थी. यह बहस शशि थरूर के साथ मेहर के कथित ‘अफेयर’ को लेकर हुई थी.
सुनंदा पुष्कर की मौत के मामले में शशि थरूर सहित कई व्यक्तियों से पूछताछ की जा चुकी है. दिल्ली पुलिस थरूर के घरेलू सहायक नारायण सिंह, चालक बजरंगी और दोस्त संजय दीवान का पॉलीग्राफ टेस्ट भी करवा चुकी है. यहां तक कि विसरा को दोबारा जांच के लिए एफबीआइ लैब भेजा गया, फिर भी कुछ पता नहीं लग पाया था.
29 सितंबर 2014 को एम्स के मेडिकल बोर्ड ने सुनंदा के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट दिल्ली पुलिस को सौंपी थी. इस रिपोर्ट में कहा गया था कि सुनंदा की मौत जहर से हुई है. बोर्ड ने कहा था कि कई ऐसे रसायन हैं जो पेट में जाने या खून में मिलने के बाद जहर बन जाते हैं. लिहाजा, उनके वास्तविक रूप के बारे में पता लगाना बहुत मुश्किल होता है.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद 1 जनवरी 2015 को सरोजनी नगर थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ हत्या की धारा में मुकदमा दर्ज कर लिया गया था. इसके बाद सुनंदा के विसरा को जांच के लिए एफबीआई लैब अमेरिका भेज दिया गया था. वहां की लैब में भी जहर के बारे में पता नहीं लग सका था. पुलिस ने फोरेंसिक साइकोलॉजी एनालिसिस टेस्ट भी कराया था.